Winter session Ends: संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर को समाप्त होना था लेकिन क्रिसमस के कारण कई सदस्यों ने समय से पहले सत्र स्थगित करने का आग्रह किया था.
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Winter Session of Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र निर्धारित तिथि से एक सप्ताह पहले 23 दिसंबर को ही समाप्त हो गया. शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. बता दें संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर को समाप्त होना था लेकिन क्रिसमस के कारण कई सदस्यों ने समय से पहले सत्र स्थगित करने का आग्रह किया था.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरूआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया, ‘इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही.’ उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली.
लोकसभा में महत्वपूर्ण वित्तीय एवं विधायी कामकाज पूरे किए गए
बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान महत्वपूर्ण वित्तीय एवं विधायी कामकाज पूरे किए गए. इस दौरान लोकसभा ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3.25 लाख करोड़ रुपये की अनुदान की अनुपूरक मांगों और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी. इस पर 10 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई.
सत्र के दौरान 9 सरकारी विधेयक पेश किये गए और सात विधेयक को सदन ने पारित किया. इसके अलावा, सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 374 विषय उठाये. साथ ही नियम 377 के तहत सदस्यों ने 298 मुद्दे उठाये.
राज्यसभा में 102 फीसदी कामकाज हुआ
राज्यसभा की, शीतकालीन सत्र की बैठक भी शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और इस दौरान सदन में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ.
सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा कि इस दौरान सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा कर पारित किया गया और कई जरूरी मामलों पर सदन में चर्चा हुई.
(इनपुट - भाषा)
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