संसदीय समिति ने की सिफारिश, एक निश्चित अवधि में हो रेल किराये की समीक्षा
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संसदीय समिति ने की सिफारिश, एक निश्चित अवधि में हो रेल किराये की समीक्षा

संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि भारतीय रेलवे को निश्चित अवधि में रेल यात्री किराये की समीक्षा करनी चाहिए.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि भारतीय रेलवे को निश्चित अवधि में रेल यात्री किराये की समीक्षा करनी चाहिए और किराये को व्यवहारिक बनाना चाहिए ताकि यात्री किराये से आय को बढ़ाया जा सके. यह सुझाव यात्री सेवाओं से अर्जित होने वाली राशि में कमी आने को देखते हुए सामने आया है. लोकसभा में पेश ‘भारतीय रेल की आंतरिक संसाधन सृजन पर रेलवे अभिसमय समिति’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बोर्ड ने समिति को सूचित किया कि लगभग डेढ़ दशकों से रेल यात्री किराये में वृद्धि नहीं होने के कारण रेलवे को धन का नुकसान हो रहा है.

क्रमिक या निश्चित अवधि में बढ़ेगा किराया
रिपोर्ट के अनुसार, रेल यात्री सेवाओं के कारण होने वाले नुकसान के साथ परिचालन अनुपात 98.5 प्रतिशत होने को देखते हुए राजस्व का नुकसान काफी अधिक है और समिति का यह मत है कि रेलवे को क्रमिक या निश्चित अवधि में किराये को व्यवहारिक बनाना चाहिए. समिति ने कहा कि इसके साथ ही यात्रियों से होने वाली आय को बढ़ाने के लिये भी उपाए करने चाहिए . समिति ने रेलवे से यह भी कहा कि रेलवे को फ्लेक्सी किराया प्रणाली पेश होने के बाद वास्तविक आय में होने वाले फायदे का पृथक आकलन करना चाहिए जिसकी कई बार हवाई इकोनामी क्लास किराये से तुलना की जाती है.

(इनपुट भाषा से)

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