Popular Front of India: PFI ने विदेशों से गुपचुप तरीके से कैसे जुटाया फंड? NIA ने कर दिया पूरा पर्दाफाश
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Popular Front of India: PFI ने विदेशों से गुपचुप तरीके से कैसे जुटाया फंड? NIA ने कर दिया पूरा पर्दाफाश

PFI Ban in India: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है. इसके साथ ही इस संगठन के कई खुलासे हुए हैं. अब PFI ने कैसे विदेशों से फंड जुटाया इसका खुलासा हुआ है.

Popular Front of India: PFI ने विदेशों से गुपचुप तरीके से कैसे जुटाया फंड? NIA ने कर दिया पूरा पर्दाफाश

NIA Raid on PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), जिसे सरकार ने बुधवार को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया, वह भारत और विदेशों दोनों से अलग-अलग चैनलों का इस्तेमाल करके धन जुटा रहा था. जांच एजेंसियों को अब पता चला है कि विदेशों में PFI के सदस्य हज यात्रियों को सहायता के नाम पर, अपनी नकली फर्मों की सदस्यता, रियल एस्टेट सौदों, पब-बार और आतंकवादी संगठनों को पुरानी कारों को बेचने समेत विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके धन इकट्ठा करते थे. यह पैसा बाद में NRI खातों में भेजा जाता था जहां से इसे भारत में PFI सदस्यों को ट्रांसफर कर दिया जाता था. PFI के 100 से ज्यादा इस तरह के बैंक अकाउंट एजेंसियों के संज्ञान में आए हैं. 

ऐसे जुटाया जाता था पैसा

हज यात्रा 

खाड़ी देशों में सक्रिय PFI सदस्यों ने हज यात्रा पर जाने वाले भारतीयों को पैसे के बदले मदद की. यह पैसा बाद में भारत भेजा जाता था. PFI ने भारत को पैसा भेजने के लिए हर संभव रास्ते अपनाए- चाहे वह हवाला हो या सोने का कारोबार.

NRI अकाउंट

सूत्र ने कहा, विदेशों में PFI सदस्यों ने संयुक्त अरब अमीरात और अन्य खाड़ी देशों के एनआरआई खातों में पैसा भेजा. एनआरआई खातों में फंड प्राप्त करने के बाद, खाताधारकों ने इसे PFI नेताओं से संबंधित विभिन्न खातों में ट्रासफर कर दिया. मनी ट्रांसफर के लिए यह तरीका विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) का सीधा उल्लंघन था.

रियल एस्टेट 

PFI का सदस्य और केरल के चावाकाडु जिले का निवासी सैफू अबू धाबी में रहता है, जहां वो रियल एस्टेट का कारोबार करता हैं. यह पता चला है कि उसने भारत में PFI नेताओं के खातों में पैसे भेजे थे. रेंट-ए-कार सेवा के माध्यम से अर्जित धन को भी भारत में ट्रांसफर कर दिया गया.

अबू धाबी में बार 

अबू धाबी में नाइट क्लब और बार हैं, जहां कानूनी रूप से शराब उपलब्ध है. इनमें से कुछ आउटलेट्स PFI सदस्यों द्वारा चलाए जा रहे थे, जिन्होंने इस व्यवसाय से बड़ी मात्रा में कमाई की, जिसे उन्होंने भारत में अपने PFI साथियों को भेजे.

केआईएसफ सदस्यता

PFI कुवैत में 'कुवैत इंडिया सोशल फोरम' (KISF) के नाम से सक्रिय था. NIA के सूत्रों ने कहा कि केआईएसएफ भारत में PFI की गतिविधियों का समर्थन करने के लिए अपने सदस्यों से वार्षिक सदस्यता शुल्क एकत्र करता था.

पुनर्वसन फाउंडेशन और ओमान स्थित सदस्य

PFI के कई डमी संगठन हैं जो खाड़ी देशों में सक्रिय हैं. राष्ट्रीय विकास मोर्चा (एनडीएफ) एक ऐसा संगठन है जो ओमान में सक्रिय है. एजेंसियों को पता चला है कि एनडीएफ ने भारत में PFI सदस्यों को हवाला चैनलों के जरिए करीब 44 लाख रुपये भेजे. PFI के एक सदस्य की पहचान अशफाख चैकीनाकथ पुयिल के रूप में हुई है, जिसने सभी खातों का विवरण रखा. पैसा केरल में रिहैब इंडिया फाउंडेशन को भेजा गया था, जो PFI का एक और डमी संगठन है.

ISIS को पुरानी कारों की बिक्री 

एजेंसियों ने दावा किया है कि सीरिया में, मुहम्मद फहीमी के रूप में पहचाने जाने वाले एक PFI सदस्य ने आईएसआईएस और अन्य आतंकवादी समूहों को पुरानी कारों को बेचकर बड़ी मात्रा में पैसा कमाया. यह पैसा बाद में हवाला के जरिए भारत भेजा गया.

कतर कनेक्शन 

PFI में कई मलयाली सदस्य हैं जो कतर में रहते हैं. वे एक कल्चरल फोरम (सीएफ) चलाते हैं, जो PFI का एक डमी संगठन भी है. कतर में इन सदस्यों द्वारा मुसलमानों के लिए सहायता के नाम पर एकत्र किया गया धन भारत में PFI और एसडीपीआई नेताओं को भेजा गया था.

ई-वॉलेट 

विदेशों में रहने वाले PFI सदस्यों ने भी ई-वॉलेट का उपयोग करके भारत में पैसा ट्रांसफर किया, उन्हें कानूनी सहायता और सामुदायिक दान के रूप में दिखाया गया. PFI को देश और विदेश से संदिग्ध माध्यमों से धन प्राप्त हो रहा था. PFI और उसके सहयोगियों ने बड़ी संख्या में बैंक खातों को बनाए रखा और भारत और विदेशों में स्थित अपने शुभचिंतकों और वित्तदाताओं के माध्यम से पैसा प्राप्त किया.

(इनपुट- आईएएनएस)

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