द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) का जन्म असम में हुआ था और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी यही से की. 12वीं के बाद संयुक्ता ने राजनीति विज्ञान से दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने JNU से इंटरनेशनल रिलेशन में PG और US फॉरेन पॉलिसी में MPhil व Phd किया. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) साल 2006 बैच की IPS अफसर हैं और उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जाम में ऑल इंडिया 85वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने मेघालय-असम कैडर को चुना. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
साल 2008 में संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) की पहली पोस्टिंग असम के माकुम में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर हुई. इसके बाद उन्हें उदालगिरी में बोडो और बांग्लादेशियों के बीच हुई हिंसा को काबू करने के लिए भेज दिया गया. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) ने असम के सोनितपुर जिले में एसपी रहते हुए CRPF जवानों की टीम को लीड किया था और खुद AK-47 लेकर वोडो उग्रवादियों से लोहा लिया था. इस ऑपरेशन की फोटोज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुईं थीं, जिसमें वे अपनी पूरी टीम के साथ हाथों में AK-47 राइफल लिए दिखाईं दी थीं. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) को उग्रवादी ऑर्गनाइजेशन की तरफ से कई बार जान से मारने की धमकी भी दी गई, लेकिन उन्होंने कभी इसका परवाह नहीं की. आतंकियों के लिए वे बुरे सपने की तरह हैं और आतंकी उनके नाम से थर्राते हैं. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) ने साल 2015 में एंटी बोडो आतंकी ऑपरेशन को लीड किया और उन्होंने महज 15 महीनों में 16 उग्रवादियों को मार गिराया था. इसके अलावा उन्होंने 64 बोडो उग्रवादियों को जेल भी भेजा. इसके साथ ही संजुक्ता की टीम ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया था. उनकी टीम ने 2014 में 175 आतंकियों और 2013 में 172 आतंकियों को जेल पहुंचाया था. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
एक सख्त पुलिस अफसर के अपने कर्तव्य को निभाने के अलावा संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashar) काम से ब्रेक मिलने पर अपना ज्यादातर वक्त रिलीफ कैंप में लोगों की मदद करने में लगाती हैं. उनका कहना है कि वह काफी विनम्र और लविंग हैं और सिर्फ अपराधियों को उनसे डरना चाहिए. (फोटो सोर्स- फेसबुक)
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