थैरेपी ने लगा दी है इस चीनी वायरस पर ब्रेक.
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नई दिल्ली: ऐसा नहीं है कि पूरे देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बहुत मामले सामने आ रहे हैं और कुछ अच्छा हो ही नहीं रहा. इस वायरस को रोकने के लिए अपने देश में भी कई तरीके इजाद किए जा रहे हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि लोग इन नए तरीकों से ठीक भी हो रहे हैं. इनसे सबसे लेटेस्ट है प्लाज्मा थेरेपी. जानिए क्या है ये थेरेपी, जिसने लगा दी है इस चीनी वायरस पर ब्रेक.
दिल्ली और कर्नाटक में कई मरीज हुए ठीक
प्लाज्मा थेरेपी सुनने में नया लगता है लेकिन यह इलाज के सबसे पुराने तरीकों में से एक है. इस थेरेपी से दिल्ली और कर्नाटक में कई मरीज ठीक हो चुके हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली और कर्नाटक के कुछ अस्पतालों को इस थेरेपी से इलाज की मंजूरी दी है. कोरोना वायरस से लड़ने में ये इलाज बेहद कारगर साबित हो रहा है.
क्या है प्लाज्मा थैरेपी?
दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल के प्रमुख डॉ. एसके सरीन का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी के तहत ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा को मरीजों से ट्रांसफ्यूजन किया जाता है. थेरेपी में एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है, जो किसी वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में बनता है. यह एंटीबॉडी ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार शरीर में डाल दिया जाता है. मरीज पर एंटीबॉडी का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है. इसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है.
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उल्लेखनीय है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल ही में कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को भी मंजूरी दी है. देश के कई अन्य राज्यों में भी इलाज के लिए अब इस थेरेपी के इस्तेमाल पर सहमति बन सकती है.
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