प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को पवन ऊर्जा क्षेत्र (Wind Energy Sector) से संबंधित मुद्दों पर बात की.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को पवन ऊर्जा क्षेत्र (Wind Energy Sector) से संबंधित मुद्दों पर बात की. PM मोदी ने इस क्षेत्र में कार्यरत कंपनी वेस्टास (Vestas) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेनरिक एंडरसन (Henrik Andersen) से वर्चुअल बातचीत की.
PM मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘वेस्टास के अध्यक्ष और सीईओ हेनरिक एंडरसन के साथ एक व्यावहारिक बातचीत हुई. हमने पवन ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ भविष्य बनाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला’.
Had an insightful interaction with Mr. Henrik Andersen, President and CEO, @Vestas. We discussed a series of issues relating to the wind energy sector. Highlighted some of India’s efforts to harness renewable energy in order to build a cleaner future for the coming generations.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 6, 2020
हम सहयोग को उत्सुक
बातचीत के बाद वेस्टास ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इस बारे में पोस्ट किया. कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन अभिनव विचारों पर शानदार बातचीत हुई, जो ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं. हम क्षेत्र में भारत के साथ निरंतर सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं’. गौरतलब है कि वेस्टास पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है.
“Great talk with Hon’ble PM @narendramodi on innovative ideas that can push the envelope in the #energytransition. Very insightful and we are very much looking forward to a continued collaboration and increased footprint in India.” @Vestas’ Henrik Andersen. pic.twitter.com/bUtcoLsD7G
— Vestas Wind Systems (@Vestas) October 6, 2020
भारत में तेजी से हो रहा इस्तेमाल
भारत पवन ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर गंभीरता से काम कर रहा है. पिछले साल आई एक रिपोर्ट में पवन ऊर्जा उत्पन्न करने के मामले में भारत को चौथा नंबर दिया गया था. भारत के बाद क्रमश: स्पेन, इंग्लैंड और फ्रांस का नाम था. वहीं दुनियाभर में इस मामले में पहले स्थान पर चीन, दूसरे पर अमेरिका और तीसरे पर जर्मनी रहा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि दुनिया के 70 से अधिक देशों में पवन ऊर्जा का इस्तेमाल हो रहा है. पिछले लगभग बीस सालों से एशिया में इस क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर के पवन टर्बाइनों में से 40 फीसदी एशिया में हैं.
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