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वाराणसी: आज का दिन वाराणसी और मां अन्नपूर्णा के भक्तों के लिए बहुत खास है. आज काशी में मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति (Statue of Maa Annapurna Devi) 100 साल बाद फिर प्रतिस्थापित होगी. शिव के आंगन में मां अन्नपूर्णा विराजेंगी और काशी विश्वनाथ धाम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) प्रतिमा की अगवानी करेंगे. आज देवोत्थान एकादशी के दिन शुभ मूहुर्त पर कनाडा से लाई गई मां अन्नपूर्णेश्वरी की मूर्ति समेत पांच विग्रह काशी धाम में स्थापित किए जाएंगे.
मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) ने काशी समेत पूरी दुनिया का पेट भरने के लिए बाबा ने मां अन्नपूर्णा से ही भिक्षा मांगी थी. मां अन्नपूर्णा को भोजन की देवी माना जाता है. पिछले साल 29 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में बताया था कि कि लगभग एक सदी पहले भारत से चुराई गई देवी अन्नपूर्णा की एक प्राचीन मूर्ति को कनाडा से वापस लाया जा रहा है.
सनातन धर्म में मां अन्नपूर्णा (Maa Annapurna Devi) को मां जगदंबा का ही एक रूप माना गया है, जिनसे संपूर्ण विश्व का संचालन होता है. जगदंबा के अन्नपूर्णा स्वरूप से संसार का भरण-पोषण होता है. इसी प्रेरणा से मां अन्नपूर्णा अपने स्थान पर विराजेंगी.
बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 18वीं सदी की बताई जाती है. मां एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्मच लिए हुए हैं. मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना स्थित मैकेंजी आर्ट गैलरी के कलेक्शन का हिस्सा थी. 2019 में भारतीय मूल की आर्टिस्ट दिव्या मेहरा की नजर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा पर पड़ी. जब उन्होंने रिकॉर्ड खंगाला तो पता लगा कि वर्ष 1913 में वाराणसी के गंगा किनारे स्थित एक मंदिर से ऐसी ही मूर्ति गायब हुई थी. इसके बाद ही मूर्ति को भारत लाए जाने की कोशिशें शुरू हुईं और अब ये कोशिश पूरी हुई है.
मां अन्नपूर्णा की ये मूर्ति यूपी के 18 जिलों से गुजरते हुए काशी पहुंची है. हर जिले में यूपी सरकार के विधायक और मंत्रियों ने प्रतिमा का स्वागत किया. मूर्ति 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी गई. इस मौके पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने पुष्प अर्पित करते हुए मां की पूजा-अर्चना की थी.
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