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गाजियाबाद: लोनी में हुई बुजुर्ग की पिटाई के मामले में गाजियाबाद पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell) ने ट्विटर (Twitter) समेत कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर उनको नोटिस भेज कर जांच में शामिल होने और जानकारी देने के लिए ई-मेल भी किया था लेकिन अभी तक किसी ने भी पुलिस के मेल का कोई जवाब नहीं दिया है. इस मामले में भी ट्विटर कितना सहयोग करेगा इस बात की चिंता भी पुलिस को है, क्योंकि पुलिस के मेल के जवाब देने का ट्विटर का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद ही खराब है.
गाजियाबाद पुलिस ने पिछले एक साल में अलग अलग मामलों में ट्विटर को 26 मेल भेजे हैं. हैरानी की बात है कि ट्विटर (Twitter) ने किसी एक का भी जवाब पुलिस को नहीं दिया है. हालांकि पुलिस को जवाब भेजने का खराब ट्रैक रिकॉर्ड अकेला ट्विटर का ही नहीं है इसमें कुछ और सोशल साइट भी शामिल है. गाजियाबाद पुलिस ने पिछले एक साल में फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (instagram) और व्हाट्सएप (WhatsApp) को 401 मामलों में मेल भेजा है लेकिन इनमें से जवाब सिर्फ 246 में आया है, 155 का जवाब आना अभी बाकी है.
गाजियाबाद साइबर सेल के डीएसपी अभय कुमार मिश्रा ने ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि ट्विटर को छोड़ कर बाकी सोशल साइट 90 दिनों तक कई बार जवाब देते हैं जिससे जांच प्रभावित होती है. साइबर सेल के अधिकारी के मुताबिक गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून 2020 से 15 जून 2021 तक ट्विटर को 26 मेल भेजे हैं लेकिन किसी भी मेल का कोई जवाब नहीं आया है. जबकि फेसबुक को 255 मेल भेजे गए जिनमें से 177 मेल का जवाब पुलिस को मिल चुका है और बाकियों का इंतजार पुलिस को अभी भी है.
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गाजियाबाद पुलिस ने इंस्टाग्राम को 62 मेल भेजकर जवाब मांगा था, जिनमें से सिर्फ 41 मेल का ही जवाब पुलिस को मिला है. जबकि वाट्सएप्प को 98 मेल के जरिए जवाब मांगे थे तो उनमें से सिर्फ 28 का ही जवाब पुलिस को अब तक मिल सका है. लेकिन इन सबके बीच सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड ट्विटर का ही रहा है. जिसने पिछले एक साल में एक भी जवाब पुलिस को नहीं दिया है. ऐसे में लोनी वाले केस में ट्विटर अपना जवाब देने में कितना गंभीर होगा अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
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