28 मई को नई संसद भवन के सामने दिखेगी पहलवानों की ताकत! हरकत में आएगी सरकार?
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28 मई को नई संसद भवन के सामने दिखेगी पहलवानों की ताकत! हरकत में आएगी सरकार?

Wrestlers Protest: खाप पंचायत (सामुदायिक अदालत) ने कहा कि पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशभर से महिलाएं उस दिन नई दिल्ली पहुंचेंगी. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवान लगभग एक महीने से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. 

28 मई को नई संसद भवन के सामने दिखेगी पहलवानों की ताकत! हरकत में आएगी सरकार?

Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में 28 मई को नई संसद भवन के सामने महिला महापंचायत होगी. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. हरियाणा के जाट बहुल रोहतक जिले के किसानों और खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए रविवार (21 मई) को मोदी सरकार को संदेश भेजा था. उन्होंने ऐलान किया था रविवार को संसद के नवनिर्मित भवन में महिला महापंचायत आयोजित की जाएगी.

 बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवान लगभग एक महीने से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने बीते रविवार को जंतर मंतर पहुंचकर पहलवानों का हौसला बढ़ाया था. खाप पंचायत (सामुदायिक अदालत) ने कहा कि पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशभर से महिलाएं उस दिन नई दिल्ली पहुंचेंगी. 

वे महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के कारण बृजभूषण को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के पद से बर्खास्तगी और गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. खाप पंचायत के नेताओं ने इस मामले को देखने के लिए सरकार को 21 मई तक यानी 15 दिन की समय-सीमा पहले ही दे दी थी. बढ़ते विरोध और इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बावजूद बृजभूषण सिंह पद छोड़ने को राजी नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे.

राकेश टिकैत ने क्या कहा था?

महापंचायत में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में कृषि कार्यकर्ताओं ने मीडिया से कहा कि देश का मान बढ़ाने वाली इन बेटियों के सम्मान की यह लड़ाई लंबे समय तक जारी रहेगी, जिस तरह किसान आंदोलन चला था.

टिकैत ने कहा, केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीनों तक चला था. केंद्र सरकार अब पहलवानों के खिलाफ आरोप लगाने, उल्टे उन्हें बदनाम करने की कोशिश करेगी, जिस तरह किसानों के साथ किया गया था. यह सिर्फ शुरुआत है, हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं.

उम्मीद की जा रही है कि हरियाणा के जाट बहुल रोहतक, झज्जर, नारनौल, फरीदाबाद, रेवाड़ी, चरखी दादरी और गुरुग्राम जिलों की महिलाएं दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि दिल्ली में महिला महापंचायत का आयोजन भी मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि केंद्र में उसकी अपनी सरकार के खिलाफ धरना दे रहीं राज्य की बेटियों के प्रति किसानों का समर्थन बढ़ रहा है.

एक पर्यवेक्षक ने कहा, इसके अलावा, महापंचायत राज्य सरकार के महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी जजपा (जननायक जनता पार्टी) के लिए एक अल्टीमेटम है, जो जाटों को लुभाने के लिए अस्तित्व में आया, जो प्रमुख रूप से कृषक समुदाय से हैं और पहलवानों की मांगों पर चुप्पी साधे हुए हैं. इससे पहले, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई नेताओं और उनकी पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया.

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