Facebook Controversy: जानिए, थरूर को लेकर क्या है भाजपा का प्लान A और B
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Facebook Controversy: जानिए, थरूर को लेकर क्या है भाजपा का प्लान A और B

स्पीकर (Speaker) शशि थरूर (Shashi Tharoor) को रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं, अगर वह परिस्थिति के अनुसार सटीक बैठता है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश में उठे फेसबुक विवाद (Facebook controversy) के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) को आईटी (IT) मामलों की संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary standing committee)के चेयरमैन (Chairman) पद से हटाने की मांग उठी है. इस बीच थरूर की ओर से भाजपा सांसद के खिलाफ विशेषाधिकार (Privilege) हनन का नोटिस दिए जाने के बाद थरूर के कदमों को रोकने के लिए भगवा पार्टी दो योजनाओं के साथ तैयार है. जिसमें से पहला कदम पहले से ही प्रोसेस में है.

  1. संसदीय स्थायी समिति के चेयरमैन पद से हटाने की मांग तेज 
  2. भाजपा ने  तैयार किये ए और बी दो प्लान
  3. थरूर ने दिया भाजपा सांसद के खिलाफ 'विशेषाधिकार हनन' का नोटिस 

प्लान 'बी' (Plan B) के बारे में बात करते हैं. अगर प्लान 'ए' (A) सही परिणाम नहीं देता है, तो भाजपा अपने प्लान बी पर काम कर सकती है. भाजपा की तरफ से 1 सितंबर को प्रस्ताव में बैकअप योजना निर्धारित करने की संभावना है, जब आईटी पर स्थायी समिति का पुनर्गठन होगा. फेसबुक के प्रतिनिधियों को अगले दिन शाम चार से 4.30 बजे के बीच तलब किया गया है. 'नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक/ऑनलाइन समाचार (Online News) मीडिया प्लेटफार्मों (Media Platforms) के दुरुपयोग (Misuse) की रोकथाम नियम' विषय पर, किसी भी सदस्य को सवाल उठाने और उस पर मतदान करने की अनुमति है.

समिति में शामिल 21 लोकसभा सदस्यों (Members of Lok Sabha) में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 12 और एक सहयोगी सदस्य (Associate member) हैं. वहीं 10 राज्यसभा सदस्यों (Rajya Sabha members) में से एक का निधन हो गया है और अब इनमें से केवल 9 बचे हैं. इन नौ में से भाजपा के 3 सदस्य हैं और एक नामित सदस्य (Nominated member) का वोट मिलने की भी उम्मीद है.

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30 सदस्य पैनल (Member panel) में भाजपा के खुद के दम पर 15 सदस्य हैं.अगर यह सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और एक मनोनीत सदस्य (Nominated member) को अपने पाले में कर लेती है तो सत्तारूढ़ दल (ruling party) के पास 17 वोट होंगे. यह देखते हुए कि पिछली बार व्हाट्सएप स्नूपिंग (Whatsapp snooping) का मुद्दा सामने आया था, जिन्होंने प्रतिनिधियों को बुलाने का विरोध किया था, वोटिंग असामान्य नहीं है. हालांकि, भाजपा ने वह राउंड गंवा दिया था. लेकिन इस बार, भाजपा ने अपने अंकगणित (Arithmetic) पर काम करना शुरू कर दिया है. 

हालांकि लक्ष्य 'बी'(B), पर रुझान नहीं है. भाजपा के प्लान ए में लोकसभा अध्यक्ष (speaker) ओम बिरला (Om Birla) को सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) संबंधी स्थायी समिति (standing Committee) के अध्यक्ष शशि थरूर को रोकना है, जिन्होंने समिति में फेसबुक के प्रतिनिधियों को दो सितंबर को समिति में समन (Summons) दिया है.

समिति में शशि थरूर के सहयोगी और थरूर के कदम के विरोध में निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने बिरला को पत्र लिखकर योजना 'ए' के लिए प्रस्ताव तैयार किया है, जहां उन्होंने आचरण संबंधी नियम 283 (Conduct Rules 283) को लागू करने का आग्रह किया है. 

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नियम कहता है कि स्पीकर (speaker) समय-समय पर समिति के अध्यक्ष को ऐसे निर्देश जारी कर सकता है, जिसकी संगठन के संचालन के लिए आवश्यक है. सरल शब्दों में कहें तो स्पीकर शशि थरूर को रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं, अगर वह परिस्थिति के अनुसार सटीक बैठता है. 

दुबे ने कहा, 'समिति में किसी को भी बुलाने के लिए हस्ताक्षर करने वाला प्राधिकारी महासचिव होता है, जो लोकसभा अध्यक्ष और अध्यक्ष को रिपोर्ट करता है और किसी को रिपोर्ट नहीं करता है.'

अध्यक्ष की इस अतिव्यापी शक्ति (Overlapping power) पर बल देते हुए, दुबे ने थरूर के कथित दुराचार के उदाहरणों का हवाला दिया है, जिसमें कथित रूप से समिति के सदस्यों को दरकिनार करना भी शामिल है. हालांकि कई भाजपा सदस्यों ने स्वीकार किया है कि थरूर को हटाना स्पीकर के लिए भी आसान काम नहीं है. (इनपुट आईएएनएस)

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