अफगानिस्तान में महिला उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन, सूफी इस्लामिक बोर्ड ने UNHRC से की ये मांग
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अफगानिस्तान में महिला उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन, सूफी इस्लामिक बोर्ड ने UNHRC से की ये मांग

इस विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों ने काबुल (Kabul) समेत पूरे देश में अफगान महिलाओं (Afghan Women's) के ऊपर हो रहे अत्याचारों को बंद कराने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. यहां पहुंचे लोगों ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस मामले को लेकर सूफी खानकाह एसोसिएशन ने भी अपनी बात रखी.

फोटो क्रेडिट (सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: मंगलवार को पूरे देश में 28वां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्थापना दिवस मनाया (Natinal Human Rights Day) मनाया गया. इस मौके पर दिल्ली में सूफी इस्लामिक बोर्ड (Sufi Islamik Board) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के नागरिकों ने वसंत कुंज स्थित यूएनएचआरसी (UNHRC) के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. 

  1. दिल्ली के UNHRC दफ्तर पर अफगान शरणार्थियों का प्रदर्शन
  2. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने की तालिबान पर दबाव बनाने की मांग
  3. अफगानिस्तान में महिलाओं पर बढ़ते उत्पीड़न पर जताई चिंता  

'आधी आबादी' के उत्पीड़न का विरोध

इस विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों ने काबुल (Kabul) समेत पूरे देश में अफगान महिलाओं (Afghan Women's) के ऊपर हो रहे अत्याचारों को बंद कराने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. यहां पहुंचे लोगों ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस ज्ञापन को लेकर सूफी खानकाह एसोसिएशन ने बताया कि तालिबान (Taliban) की सरकार में हर दिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है.

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पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा, ' आज अफगानिस्तान की जो हालत है उसका जिम्मेदार पाकिस्तान है. उन्हीं लोगों ने इस तालिबान को पैदा किया है. महिलाओं की आवाज दबाई जा रही है. मजहब और शरीयत के नाम महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है. जिसके कारण देश छोड़ने की होड़ लगी है. कई सालों से पाकिस्तान, तालिबान का समर्थन करते हुए उनका मददगार रहा है.'

तालिबान के खिलाफ कार्रवाई की मांग

संस्था से जुड़े लोगों ने कहा कि उनकी यूएनएचआरसी से अपील करते है कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवाब बनाये ताकि अफगान लोगों को इंसाफ मिल सके. अफगान मूल के लोगों ने कहा, 'हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसे में तालिबान के खिलाफ एक्शन लेने के लिए विश्वपटल पर दबाब बनाने की जरूरत है. ताकि बाहर रह रहे लोग अपनी वतन वापसी कर सकें.'

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