Trending Photos
बेंगलुरु: तीन कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) की वापसी को लेकर भारत बंद का असर बेंगलुरु शहर में नजर नहीं आया और इस दौरान वाहनों की आवाजाही सामान्य रही. इसके साथ ही दुकानें और ऑफिस भी खुले रहे. भारत बंद को देखते हुए पुलिस को शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे, ताकि संवेदनशील इलाकों में कोई अप्रिय घटना नहीं हो. इस दौरान प्रदर्शनकारी ने डीसीपी धर्मेंद्र मीणा के पैर पर एक गाड़ी चढ़ा दी.
बेंगलुरु नार्थ के डीसीपी धर्मेंद्र मीणा सोमवार को प्रोटेस्ट की ड्यूटी के दौरान बाल-बाल बच गए, जब प्रोटेस्ट के बंदोबस्त के दौरान एक गाड़ी उनके पांव पर चढ़ गई. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भी इस घटना से अचंभे में आ गए. फिलहाल धर्मेंद्र मीणा ठीक हैं और उनकी चोट गंभीर नहीं है. हादसे के बाद पुलिस ने गाड़ी चला रहे शख्स को पकड़ लिया, जिसकी पहचान हरीश गौड़ा के रूप में हुई. हरीश गौड़ा प्रो कन्नड़ा संगठन का सदस्य बताया जा रहा है. बंद के समर्थन में इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया था.
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ के कारण बेंगलुरु में जनजीवन कुछ खास प्रभावित नहीं हुआ. इस दौरान सामान्य रूप से कामकाज हुआ और यातायात सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहीं. हालांकि विरोध प्रदर्शनों और प्रमुख हाईवे पर बंद के दौरान किसानों द्वारा रास्ता रोकने के प्रयासों के कारण राज्य के कई हिस्सों, खासकर बेंगलुरु में वाहनों की आवाजाही बाधित हुई.
कृषि कानून के विरोध में अलग-अलग राजनीतिक संगठन टाउन हॉल पर इकट्ठा हुए, लेकिन उनकी संख्या सिर्फ 200 के आसपास ही रही. विरोध कर रहे नेताओं से जब पूछा गया कि विरोध प्रदर्शन में राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ता है, जबकि किसानों की संख्या नहीं के बराबर है तो इस नाकामी की ठीकरा उन्होंने मीडिया के ही सिर ये कह कर फोड़ा की मीडिया उनके कार्यक्रमों को सही से दिखाती नहीं है. ऐसे में किसान पूरी तरह जागरूक नहीं हो पाए है.
लाइव टीवी