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चंडीगढ़: पंजाब और देश की राजनीति में प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को बाबा बोढ़ और नेल्सन मंडेला कहा जाता रहा है. अकाली दल के सबसे बड़े नेता प्रकाश सिंह बादल की राजनीतिक सोच के विपरीत आम आदमी पार्टी के 59 वर्षीय गुरमीत सिंह खुड्डियां (Gurmeet Singh Khudian) ने वह कर दिखाया, जिसके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था.
उन्होंने पंजाब के धाकड़ नेता और पांच बार सीएम रहे प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को उनके ही गढ़ लांबी में बुरी तरह शिकस्त (Punjab Assembly Election Result 2022) दे दी. गुरमीत पूर्व सांसद स्वर्गीय जगदेव सिंह खुड्डियां के पुत्र हैं. चुनाव से पहले ही लांबी सीट (Lambi Constituency) को हॉट सीट माना जा रहा था. यहां से 1997 से लेकर वर्ष 2017 तक लगातार पांच बार विधायक और प्रदेश के पांच बार मुख्यमंत्री रहे SAD के उम्रदराज प्रकाश सिंह बादल की जीत हर कोई पक्की मानकर चल रहा था. हालांकि गुरमीत खुड्डियां ने उन्हें 11 हजार से ज्यादा वोटों से मात दे दी.
गुरमीत खुड्डियां (Gurmeet Singh Khudian) पिछले लंबे समय से राजनीति के साथ जुड़े हुए हैं. वे पहले SAD शिअद (मान) के साथ थे और फिर कांग्रेस के साथ जुड़ गए थे. उन्होंने लंबा समय कांग्रेस में बिताया और पार्टी की ओर से श्री मुक्तसर साहिब के जिला प्रधान भी रहे. वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में वह लांबी से चुनाव मैदान में उतरे कैप्टन अमरिंदर सिंह के कवरिंग कैंडीडेट भी रहे. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से मुख्यमंत्री बनने के बावजूद लांबी हलके को नजरंदाज करने के चलते उन्होंने बीती जुलाई में कांग्रेस को छोड़कर आप जॉइन कर ली.
लांबी हलके की कांग्रेस की अधिकतर टीम भी उनके साथ ही AAP में चली गई थी. AAP की ओर से घोषित की गई चुनाव प्रत्याशियों की पहली सूची में ही उन्हें लांबी (Lambi Constituency) से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था. किसी को उम्मीद नहीं थी कि पहली बार चुनाव मैदान में उतरे गुरमीत खुड्डियां (Gurmeet Singh Khudian) बाबा बोहड़ कहे जाने वाले प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को हरा पाएंगे. लेकिन खुड्डियां ने बादल को 11396 वोट से हराकर इतिहास रच दिया है.
बादल की हार को लेकर क्षेत्र के लोगों को भी हैरानी हो रही है. लांबी क्षेत्र के गांव खुड्डियां के निवासी गुरमीत सिंह जमीनी तौर पर इस हलके के साथ जुड़े हुए हैं. साधारण किसान परिवार से संबंधित खुड्डियां (Gurmeet Singh Khudian) करीब 15 एकड़ जमीन के मालिक हैं. उनके पिता जगदेव खुड्डियां कुछ समय पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे. छह दिनों बाद सरहिंद नहर से उनका शव बरामद हुआ था.
अपनी जीत पर खुड्डियां ने कहा कि यह जीत 32 साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है. गुरमीत सिंह ने प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को राजनीति का विश्वविद्यालय कहने वालों को जवाब देते हुए कहा कि लोगों के सहयोग से इस विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया है. गुरमीत सिंह खुड्डिया ने कहा कि लांबी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने साबित कर दिया है कि राजनीति सिर्फ पैसे से नहीं होती बल्कि ईमानदारी से भी की जा सकती है. जो परिवार पहले से दिवंगत जत्थेदार जगदेव सिंह खुड्डियां से जुड़े हुए थे, उन्होंने भी उनका समर्थन किया है.
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ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए गुरमीत सिंह (Gurmeet Singh Khudian) ने कहा कि उन्होंने धैर्य की राजनीति की है. जनता के सहयोग से 5 बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को बड़े अंतर से हराया है. लोगों ने झूठ और हेराफेरी की राजनीति को नकार दिया है. गौरतलब है कि लांबी निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुड्डिया को 66,313 वोट और अकाली दल के उम्मीदवार प्रकाश सिंह बादल को 54,917 वोट मिले थे. इस प्रकार गुरमीत सिंह ने प्रकाश सिंह बादल पर 11,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की है.
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