UP News: जेल में छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री देख अधिकारियों के उड़े होश, तीन कारागार अधीक्षक निलंबित
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UP News: जेल में छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री देख अधिकारियों के उड़े होश, तीन कारागार अधीक्षक निलंबित

Jail Raid News: जेल विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें नैनी जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह, बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और बरेली जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला शामिल हैं.

केन्द्रीय कारागार नैनी जेल

Jail Raid: उत्तर प्रदेश में बीते शनिवार काे तीन जेलाें में अधिकारियाें ने छापेमारी की. इस दाैरान अधिकारियाें काे कई जगह गड़बड़ी नजर आई. जिसके बाद अधिकारियाें ने कारागार अधिक्षकाें पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया. केन्द्रीय कारागार नैनी जेल, बरेली जेल और बांदा के जिला कारागारों में एक अप्रैल को छापेमारी के दौरान अधिकारियाें काे आपत्तिजनक सामग्री मिली थी. जिसके बारे में पूछने पर काेई भी जेल का अधिकारी सहीं जवाब नहीं दे पाया. इस पर तीनों स्थानों पर तैनात रहे वरिष्‍ठ कारागार अधीक्षकों को प्रशासनिक शिथिलता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

जेल विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें नैनी जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह, बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और बरेली जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला शामिल हैं.

बेदियाें का दी जा रही था विशेष सुविधा

इसके पहले बरेली में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिला जेल में माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई तथा पूर्व विधायक अशरफ से अपराधियों के नियम विरूद्ध मुलाकात कराने और सहूलियत देने के आरोप में जेल अधीक्षक राजीव शुक्‍ला को निलंबित किया गया था. कारागार महानिदेशक एसएन साबत ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले बरेली जिला कारागार के जेलर राजीव कुमार मिश्रा, मुलाकात अधिकारी डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच वार्डरों को निलंबित कर दिया गया था. इनमें से दो वार्डर गिरफ्तार हो चुके हैं. प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद मिले इनपुट के आधार पर बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कारागार उप महानिरीक्षक आरएन पांडेय को जांच सौंपी गई थी.

इससे पहले अशरफ से बिना पर्ची शूटरों और गुर्गो की मुलाकात कराने के मामले में बिथरी चैनपुर थाने में संबंधित धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड की जांच में ये बात सामने आई कि बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ ने भी साजिश रची थी और अपराधियों से मिलकर उसे अमलीजामा पहनाने में भूमिका निभाई थी. उन्होंने बताया कि उमेश पाल की हत्या से 13 दिन पहले 11 फरवरी को बरेली जेल में अतीक गिरोह के नौ अपराधियों ने अशरफ से मुलाकात की थी.

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