Ashok Gehlot Sonia Gandhi Meeting: सीएम गहलोत के दिल्ली जाने का समय अभी तय नहीं हुआ है और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन को लेकर भी संशय बना हुआ है. अशोक गहलोत पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे.
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Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: राजस्थान में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. 92 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस आलाकमान नाराज है. जानकारी के मुताबिक कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. अब पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है. सीएम गहलोत के दिल्ली जाने का समय अभी तय नहीं हुआ है और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन को लेकर भी संशय बना हुआ है. अशोक गहलोत पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे. इस मुलाकात के बाद ही आगामी कदम तय होगा.
दूसरी ओर, पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को बिना विधायकों से मिले वापस लौटना पड़ सकता है. विधायकों ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया है. दिल्ली लौटकर दोनों नेता आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे. दोनों की दिल्ली लौटने से पहले अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ से मुलाकात हो सकती है. राजस्थान में नाटकीय घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायकों ने अपने इस्तीफे रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को सौंप दिए. आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है.
घटनाक्रम से आलाकमान नाराज
गहलोत और पायलट गुट में मचे घमासान पर कांग्रेस आलाकमान सख्त नाराज़ है. सूत्रों के मुताबिक आलाकमान के निर्देश पर केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर पूछा कि ऐसे हालात क्यों बने? तो जवाब में गहलोत ने कहा कि अब मेरे बस में कुछ भी नहीं है. ये विधायकों की भावना है. ये विधायकों का कदम है मेरा नहीं.
गहलोत गुट के विधायकों ने की ये मांग
अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने कांग्रेस आला कमान के सामने कुछ मांगें रखी हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि 19 अक्टूबर तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक न हो और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजे आने के बाद बैठक की जाए. इन विधायकों की मांग है कि अशोक गहलोत को पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने दो , इसके बाद विधायकों की राय ले लो. राय लेने के बाद हाई कमान जो भी फैसला करे हमें मंजूर होगा.
कुछ विधायकों ने परोक्ष रूप से पायलट का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था.
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