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जयपुर: राजस्थान में मॉब लिंचिंग (Mob lynching) का मामला सामने आया है. दलित युवक योगेश जाटव की दूसरे समुदाय के लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. युवक योगेश जाटव अलवर (राजस्थान) में बाइक से जा रहा था इसी दौरान एक गड्ढे में गिरने से बचने के चक्कर में उसकी बाइक एक महिला टकरा गई. बस इसी 'गलती' के लिए भीड़ ने उसे बेरहमी से पीटा और वह कोमा में चला गया.
तीन दिन तक अस्पताल में इलाज के बाद शनिवार को योगेश जाटव की मौत हो गई. आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीणों ने अलवर-भरतपुर मार्ग पर शव रख कर धरना दिया. हालांकि प्रशासन के समझाने के बाद उन्होंने धरना समाप्त कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया. गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन से साफ कहा कि उनका गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है और पुलिस को तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए.
मृतक युवक के परिवार के भरण-पोषण के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की गई. जानकारी के अनुसार 15 सितंबर को आक्रोशित भीड़ ने युवक की पिटाई की थी और तब से वह अस्पताल में था. परिजनों ने 16 सितंबर को ही 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. योगेश के पिता ने अपनी शिकायत में कहा कि उनके बेटे को राशिद, सजीत पठान, मुबीना और चार अन्य लोगों ने घेर लिया. इसके तुरंत बाद, उन्होंने उसे लाठी और डंडे से पीटना शुरू कर दिया. योगेश के कान से खून निकलने लगा और वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
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योगेश को अलवर के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उसे जयपुर रेफर कर दिया गया. 18 सितंबर को जयपुर एसएमएस अस्पताल में उसका निधन हो गया. अगले दिन 19 सितंबर को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. घटना के विरोध में मृतक के परिजनों ने अलवर-भरतपुर मार्ग जाम कर दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने घटना की निंदा की और राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए.
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