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जयपुर: पंजाब के सियासी मसलों के समाधान के बाद अब कांग्रेस आलाकमान ऑपरेशन राजस्थान की कवायद में जुट गया है. सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की कवायद को अंतिम रूप दे दिया गया है. पार्टी आलाकमान के सुलह के फार्मूले पर सभी की सहमति के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से तारीख का इंतजार है.
राजस्थान में साल 2023 में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का मास्टरस्ट्रोक नजर आ सकता है. कहा ये भी जा रहा है कि सीएम इस विस्तार में पायलट कैंप के विधायकों को एडजस्ट करने की कोशिश करेंगे.
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मिशन 2023 के विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सीएम बड़ी संख्या में मंत्रियों की छुट्टी कर अनुभवी और डिलीवरी वाले विधायकों को मौका दे सकते हैं. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पूरी तरह से आगामी विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा. जिसमें जातीय, सियासी और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के साथ-साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन नेताओं पर भरोसा करेंगे जिनकी जनता के बीच छवि अच्छी हो और जो सरकार की योजनाओं की न केवल बेहतर डिलीवरी कर सकें बल्कि जिनमें सरकार को सत्ता में लौटाने का मादा भी हो.
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों सभी मंत्रियों का परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड तैयार किया था. इसी परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी. छुट्टी होने वाले मंत्रियों को संगठन में अहम जगह दी जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तीर से कई निशाने लगाने में कामयाब होंगे. इससे जनता में सरकार का सकारात्मक संदेश जाएगा. मंत्रियों के खिलाफ विधायकों और पब्लिक की नाराजगी से सरकार बच सकेगी. नई टीम और फ्रेश चेहरों के आधार पर अशोक गहलोत ढाई साल में नई सोच और नई उर्जा के साथ जनता के बीच जाने की रणनीति पर काम कर सकेंगे.
दरअसल, राजस्थान में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत का सबसे बड़ा लक्ष्य राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को फिर से रिपीट करवाना है. हालांकि इससे पहले अशोक गहलोत जब दो बार मुख्यमंत्री रहे थे तब दोनों ही बार उनकी सरकार सत्ता में फिर से वापसी नहीं कर पाई. लेकिन इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फ्लैगशिप योजनाओं और कोरोना मेनेजमेंट के चलते जनता के बीच उनकी सरकार की छवि बहुत बेहतर है. ऐसे में अशोक गहलोत का मास्टरस्ट्रोक इस मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में नजर आ सकता है.