Ajmer: हेलीकॉप्टर से नहीं कर सके विदाई तो बेटे ने मां के लिए लिमोजीन से बनाया रिटायरमेंट का पल यादगार, छलके खुशी के आंसू
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Ajmer: हेलीकॉप्टर से नहीं कर सके विदाई तो बेटे ने मां के लिए लिमोजीन से बनाया रिटायरमेंट का पल यादगार, छलके खुशी के आंसू

Ajmer News: मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटे ने अजमेर में  सोमवार को रिटायर्ड हुई अपनी मां को एक ऐसा यादगार तोहफा दिया. हाथी खेड़ा के सरकारी स्कूल में अपनी 35 वर्ष की सेवा देकर आशा त्रिपाठी  सोमवार को रिटायर हुई. 

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Ajmer News: मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटे ने अजमेर में  सोमवार को रिटायर्ड हुई अपनी मां को एक ऐसा यादगार तोहफा दिया, जिससे मां की आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े. बेटे ने मां के रिटायरमेंट को यादगार बनाते हुए स्कूल से घर तक करोड़ों की कीमत वाली आलीशान लिमोजिन कार की सवारी कराई. इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों ने भी बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच कर जोरदार अभिवादन किया. रिटायर्ड शिक्षिका के लिए आज का दिन कभी ना भूलने वाला बना दिया.

मां के रिटायरमेंट बेटे सोे मिली यादगार तोहफा

अजमेर शहर एक शिक्षिका मां के रिटायरमेंट के मौके पर बेटे की ओर से यादगार तोहफा मिला.तोहफे में  बेटे ने मां को करोड़ों की लिमोसीन में विदाई स्थल से घर तक लाया.  यह घटना हाथीखेड़ा गांव  के सरकारी स्कूल की टीचर आशा त्रिपाठी के साथ हुई.  हाथी खेड़ा के सरकारी स्कूल में अपनी 35 वर्ष की सेवा देकर आशा त्रिपाठी  सोमवार को रिटायर हुई. मां के विदाई समारोह को यादगार बनाते हुए  उनके बेटे और पति ने 26 फूट लंबी आलीशान और सबसे महंगी कारों में शुमार लिमोजिन में उनकी  विदाई करवाई. इस भावपूर्ण आयोजन पर शिक्षिका मां काफी भावुक हो गई.

गौरतलब है  शिक्षिका आशा त्रिपाठी की इस यादगार रिटायरमेंट के साक्षी बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बने. स्कूल परिसर में साथी स्टाफ के साथ विद्यार्थियों और ग्रामीणों के अभिवादन के लिए पहुंचे. जैसे ही लिमोजिन कार स्कूल परिसर में आकर पार्क हुई ,तो उसे देखने और निहारने के लिए कोतूहल मच गया. 
पहले हैलिकॉप्टर से करनी थी विदाई
इस मौके पर रिटायर्ड शिक्षिका के पति ने कहा की 35 साल की सरकारी सेवा के दौरान उनकी पत्नी ने कई उतार चढ़ाव देखे. नौकरी के साथ ही परिवार की जिम्मेदारियों में अपनी खुशियों को दबाए रखा. ऐसे में उनके रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए परिवार ने यह प्लानिंग की. पहले हेलीकॉप्टर के जरिए विदाई देना तय हुआ था लेकिन खराब मौसम के चलते ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया तो फिर लिमोजिन कार का विचार आया. रिटायरमेंट जीवन के दूसरे अध्याय की शुरुआत मानी जाती है जहां शासकीय सेवा से मुक्त होकर कार्मिक अपनी नई प्राथमिकताओं के साथ नई शुरुआत करता हैं. ऐसे में शिक्षिका आशा त्रिपाठी का अभूतपूर्व रिटायरमेंट तोहफा ना सिर्फ उन्हें पारिवारिक रूप से खुशियों से लबरेज कर गया बल्कि सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे लोगो ने भी उनकी खुशियों को दुगना कर दिया.

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