भीलवाड़ा (Bhilwara) सहित प्रदेश भर में नियमानुसार निजी बसों के संचालन की अनुमति है, लेकिन बसों का संचालन निजी बस ऑपरेटरों पर ही निर्भर है.
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Bhilwara: कोरोना संक्रमण (Corona infection) के चलते प्रदेश में लागू किए गए जन अनुशासन पखवाड़े (Public Discipline Fortnight) के साथ ही थमा निजी बसों का संचालन करीब ढाई माह बाद भी शुरू नहीं हुआ है.
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भीलवाड़ा (Bhilwara) सहित प्रदेश भर में नियमानुसार निजी बसों के संचालन की अनुमति है, लेकिन बसों का संचालन निजी बस ऑपरेटरों पर ही निर्भर है. रोडवेज बसों का संचालन भले ही शुरू कर दिया गया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों की लाइफ लाइन माने जाने वाली इन निजी बसों का संचालन शुरू होने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है.
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बसों का संचालन नहीं होने से लोगों का आना-जाना दूभर
प्रदेश में लॉकडाउन (Lockdown) हटने के बाद व्यापारिक और अन्य सरकारी कामकाज गति पकड़ने लगा है. ऐसे में अब लोगों को सार्वजनिक परिवहन की भी जरूरत महसूस होने लगी है. क्षेत्र में अधिकांश रुट पर निजी बसें ही लोगों के आवागमन का मुख्य साधन है, ऐसे में निजी बसों का संचालन नहीं होने से लोगों का आना-जाना दूभर हो रहा है. निजी बसों का संचालन नहीं होने से सैकड़ों कर्मचारी भी खासे परेशान हैं. ये कर्मचारी प्रतिदिन जिला मुख्यालय से उपखण्ड मुख्यालय और ग्रामीण इलाकों तक डेली अप-डाउन करते हैं.
क्या कहना है चालकों-परिचालकों का
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ये सभी कर्मचारी बाइक या अन्य निजी वाहनों के जरिए ही आने जाने को मजबूर हैं. निजी बसों पर कार्यरत चालक, परिचालक के साथ विभिन्न जगहों पर मौजूद इनके टिकट एजेंट भी अपने काम धंधे से दूर हैं. कई चालक और परिचालकों ने बताया कि वे बसों पर नौकरी करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन बसें बंद होने से वे भी पूरी बेरोजगार हो गए हैं.
सरकारी निर्देशों के बावजूद निजी बसों का संचालन नहीं
निजी बस एसोसिएशन भीलवाड़ा (Private Bus Association Bhilwara) के अध्यक्ष कलीम काजी (Aleem Kaji) ने बताया कि भीलवाड़ा (Bhilwara) में 1500 निजी बसों का विभिन्न रूटों पर संचालन होता है, लेकिन प्रदेशव्यापी आह्वान पर सरकारी निर्देशों के बावजूद निजी बसों का संचालन नहीं किया गया है. एसोसिएशन की मांग है कि लॉकडाउन अवधि से लेकर मार्च 2022 तक टैक्स, इंश्योरेंस आदि में छूट दी जाए और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए किराया बढ़ोतरी की जाए.
यदि सरकार ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो अनिश्चित कालीन बंद रखा जाएगा. प्रदर्शन के दौरान सचिव जगदीशचन्द्र ओझा (गुड्डू), बाबूलाल आगाल, श्याम आगाल, मनोज पारीक, बालूलाल कुमावत आदि बस ऑपरेटर मौजूद थे.
REPORTER - DILSHAD KHAN