अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनौती दी है कि यदि वे रीट मामले की निष्पक्ष जांच करवाना चाहते हैं तो उन्हें आगे आकर इसकी सीबीआई जांच करवानी चाहिए.
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Ajmer: अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनौती दी है कि यदि वे रीट मामले की निष्पक्ष जांच करवाना चाहते हैं तो उन्हें आगे आकर इसकी सीबीआई जांच करवानी चाहिए.
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देवनानी ने कहा कि ईडी की जांच इस मामले में शुरू हो चुकी है और बहुत जल्द इसके दायरे में राजीव गांधी स्टडी सर्किल के संरक्षक और मंत्री सुभाष गर्ग भी आएंगे. देवनानी ने कहा कि जांच के तार मुख्यमंत्री तक भी पहुंच सकते हैं. देवनानी ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निष्पक्ष जांच की बात करते हुए एसओजी का नाम लेते हैं, जबकि इस पूरे मामले का खुलासा होने के बावजूद अभी तक एसओजी द्वारा तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के अध्यक्ष डी पी जारोली से अभी तक पूछताछ तक नहीं हुई है.
भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी आज अपने अजमेर स्थित आवास पर एक पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया से रूबरू हो रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस लगातार जनविरोधी फैसले ले रही है और भ्रष्टाचार प्रदेश में चरम पर पहुंच चुका है, जिसे प्रदेश सरकार का संरक्षण प्राप्त है. देवनानी इस प्रेस वार्ता में अजमेर से जुड़े मुद्दे भी उठाए और कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामी के चलते अजमेर शहर की जनता मूलभूत जरूरतों के लिए भी तरस रही है.
बीसलपुर बांध में पर्याप्त पानी होने के बावजूद डिसटीब्यूशन सिस्टम की नाकामी के चलते शहर की जनता को 84 घंटे में पानी मिल रहा है. वहीं सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भले ही बड़े-बड़े दावे करें लेकिन सच्चाई है कि मुफ्त दवा योजना के तहत अजमेर में 50% दवाएं भी उपलब्ध नहीं है नतीजा गरीब जनता को बाजार से महंगे दामों की दवाइयां खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
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विधायक देवनानी ने प्रदेश सरकार के बालिका शिक्षा के दावे को भी झूठा करार देते हुए कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गार्गी पुरस्कार योजना लागू की गई थी, जिसमें 75% या उससे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को गार्गी पुरस्कार के तहत सम्मानित किया जाता था. लेकिन सरकार ने एक आदेश निकाल कर इसे 75% के स्थान पर 90% कर दिया है देवनानी के अनुसार इस योजना के तहत यदि पुराने मापदंड रखे जाते तो 600000 से अधिक बालिकाओं को इसका लाभ मिलता लेकिन अब चार लाख 30,000 से अधिक बालिकाएं इस योजना से मैहरूम रहेंगी. वहीं मात्र 200000 बालिकाओं को ही महत्वपूर्ण योजना का लाभ मिल पाएगा.