Rajasthan Politics Crisis: सियासी संकट से अशोक गहलोत सरकार के उबरने के बाद अपने वादे के अनुसार, चंद्रभान सिंह ने अन्न त्याग दिया, जिसके चलते वर्षों से चंद्रभान सिंह ने अन्न त्याग रखा है.
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Rajasthan Politics Crisis: : प्रदेश में एक बार फिर सियासी घमासान मचा हुआ है और पिछले तीन दिनों से राजस्थान में राजनीति गरमाई हुई है. वहीं एक युवक वर्षों से अन्न त्याग कर भूखा बैठा है. अजमेर जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के चकवा ग्राम में रहने वाले चंद्रभान सिंह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भगवान की तरह मानते हैं.
कांग्रेस में अंतर्कलह होने के बाद अशोक गहलोत सरकार पर खतरा मंडरा गया था, ऐसी स्थिति में सरकार को बचाने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता चंद्रभान सिंह ने गेगी राम बाबा की समाधि पर बैठकर रात-दिन प्रार्थना की और मनोकामना पूरी होने पर अन्न त्यागने का संकल्प लिया.
सियासी संकट से अशोक गहलोत सरकार के उबरने के बाद अपने वादे के अनुसार, चंद्रभान सिंह ने अन्न त्याग दिया और प्रण लिया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चकवा गांव में स्थित गेगीराम बाबा की समाधि पर आकर पूजा-अर्चना करेंगे. उसके बाद ही अन्न ग्रहण करेंगे अन्यथा भोजन नहीं करेंगे.
राजस्थान में सियासी संकट पैदा होने के बाद सरकार बच गई और उसके बाद मंत्रीमंडल फेरबदल भी हो गया लेकिन, चंद्रभान सिंह का प्रण आज भी ज्यों का त्यों है, जिसके चलते वर्षों से चंद्रभान सिंह ने अन्न त्याग रखा है. अशोक गहलोत सरकार पर संकट आने के बाद चंद्रभान सिंह ने संकल्प लिया कि सरकार से संकट टलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चकवा आकर गेगीराम बाबा की समाधि पर पूजा अर्चना करेंगे तभी अन्न ग्रहण करेंगे. उस समय सियासी संकट टल गया और विधायक सचिन पायलट भी दिल्ली से अपने विधायकों के साथ जयपुर आ गए और सरकार बच गई लेकिन, कांग्रेसी कार्यकर्ता की सुध नहीं ली गई.
सरवाड़ उपखंड के चकवा गांव निवासी चंद्रभान सिंह जब से लेकर अब तक अन्न छोड़ कर बैठे हैं. पेट की भूख बुझाने के लिए सुबह-शाम एक गिलास दूध पीते हैं. चंद्रभान सिंह ने अपनी पार्टी की सरकार को बचाने के लिए भले ही अन्न छोड़ दिया हो लेकिन, अब उसकी सुध नहीं ली जा रही है. अब राजस्थान में सियासी घमासान मचा हुआ है, इससे चन्द्रभान सिंह आहत है. सिंह का कहना है कि पार्टी मजबूत होगी तो पद तो ओर आ जाएंगे इसलिए सभी नेताओं को मिल बैठकर इस मामले को सुलझाना चाहिए.
चंद्रभान सिंह द्वारा अन्न त्यागने के बाद घर-परिवार के लोगों का भी उनको कोप भाजन बनना पड़ रहा है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि जिन राजनेताओं के लिए अन्न छोड़ा वह लोग बरसों बीत जाने के बाद भी सुध नहीं ले रहे हैं लेकिन, चंद्रभान सिंह अपने फैसले पर अडिग हैं. चंद्रभान सिंह का कहना है कि सियासी संकट के समय गेगी राम बाबा की समाधि पर मैंने संकल्प लिया इसलिए मैं मेरा प्रण नहीं तोड़ सकता. चंद्रभान सिंह ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता से पहले में क्षत्रिय हूं और क्षत्रिय की जुबान का बहुत बड़ा महत्व होता है. हालांकि इस दौरान चंद्रभान सिंह को अन्न ग्रहण कराने के लिए परिजनों और गांव के पच पटेलों ने काफी मिन्नतें की लेकिन, चंद्रभान सिंह बरसों बीत जाने के बाद भी आज भी अपने फैसले पर अडिग हैं.
चंद्रभान सिंह ने बताया कि मैं अशोक गहलोत को भगवान की तरह मानता हूं क्योंकि उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं का लाभ गरीब यतीम निर्धन लोगों को मिल रहा है और गहलोत हमेशा गरीबों के कल्याण की सोचते हैं इसलिए सियासी संकट के समय मैंने भगवान के समक्ष प्रण लिया कि सरकार बचने पर मैं अन्न जब ही ग्रहण करूंगा तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद चकवा गांव आकर गेगी बाबा की समाधि पर पूजा अर्चना करेंगे.
क्षेत्रीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चंद्रभान सिंह के संकल्प से कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री एवं विधायक डॉ रघु शर्मा को भी अवगत कराया. अब देखते हैं कि चंद्रभान सिंह का प्रण कब पूरा होता है और कब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गेगीराम बाबा की समाधि पर पहुंचकर कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता को भोजन करवाते हैं.
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