अजमेर: सागर झील की दीवारों पर लिखी गई अशोभनीय लाइनें, पुरात्तव विभाग से हटाने की मांग
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अजमेर: सागर झील की दीवारों पर लिखी गई अशोभनीय लाइनें, पुरात्तव विभाग से हटाने की मांग

 जिले में प्रसिद्ध आना सागर झील की बारादरी पर बनी मुगलकालीन बरामदे में पर्यटकों और जायरीन के द्वारा संगमरमर के पत्थर पर अनर्गल टिप्पणियां कर दी गई है. लिपस्टिक आइब्रो पेंसिल कलर और अन्य माध्यम से पर्यटक स्थल को न सिर्फ गंदा किया और उसमें अपने अपने नाम के साथ ही कई चित्र भी बना दिए हैं .

अजमेर: सागर झील की दीवारों पर लिखी गई अशोभनीय लाइनें, पुरात्तव विभाग से हटाने की मांग

अजमेर: जिले में प्रसिद्ध आना सागर झील की बारादरी पर बनी मुगलकालीन बरामदे में पर्यटकों और जायरीन के द्वारा संगमरमर के पत्थर पर अनर्गल टिप्पणियां कर दी गई है. लिपस्टिक आइब्रो पेंसिल कलर और अन्य माध्यम से पर्यटक स्थल को न सिर्फ गंदा किया और उसमें अपने अपने नाम के साथ ही कई चित्र भी बना दिए हैं . इन सभी स्लोगन और टिप्पणियों को लेकर अब पुरातत्व विभाग की अजमेर टीम द्वारा उच्चाधिकारियों को लेटर लिखकर केमिकल के माध्यम से इन्हें हटाने की मांग की गई है, जिससे कि इसका सौंदर्य बना रहे और आम जनता से भी अपील की जा रही है.

सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाना अजय पाल द्वारा अजमेर की प्रसिद्ध आनासागर झील का निर्माण करवाया गया था और यहां बांध बनवा कर पानी को रोका गया था, जिससे कि शहर की जनता को पर्याप्त जल मिल सके. इसके बाद इस झील पर मुगल काल के दौरान संगमरमर पत्थर से शानदार बरामदे बनाए गए थे जो आज ऐतिहासिक धरोहर है, जिसका संरक्षण पुरातत्व विभाग की ओर से किया जा रहा है, लेकिन लंबे समय से यहां आने वाले जायरीन और पर्यटक नजारे कैद करने के साथ ही शानदार इमारत को निहारते भी है, लेकिन इसी बीच कई असामाजिक तत्वों द्वारा मुगलकालीन संगमरमर के बरामदे को खराब किया जा रहा है.

गुटखा खाने वालों ने भी दीवारें की गंंदी

बरामदे के अंदर अनर्गल टिप्पणियों के साथ ही प्रेमी युगल और नवविवाहित जोड़ों द्वारा अपने नाम का उल्लेख करते हुए अनर्गल टिप्पणियां की जा रही है साथ ही देश के अलग-अलग कोनों से आने वाले जायरीन यहां अपनी छाप छोड़ने के लिए लिपस्टिक आइब्रो पेंसिल कलर और अन्य माध्यम से संगमरमर की दीवारों को गंदा कर रहे हैं. यही नहीं बारादरी पर सलमान शाहरुख और अजय देवगन द्वारा किए जा रहे तथाकथित प्रचार का भी नजारा देखने को मिला है पान मसाला गुटखा खाने वालों ने भी जुबा केसरी के चलते उसे खराब किया है. जिसके निशान कई स्थानों पर देखी जा सकते हैं. वही इनके संरक्षण को लेकर भी कोई पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए जिसके कारण ऐतिहासिक इमारत खराब हो रही है.

सीसीटीवी कैमरे से खुलेगा राज

इस मामले की जानकारी के बाद अजमेर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की ओर से इसे लेकर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई अजमेर की बारादरी की व्यवस्था संभाल रहे सहायक पुरातत्व विभाग संरक्षक दयानंद गुप्ता ने बताया कि बारादरी पर रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं ऐसे में सभी पर नजर रखना मुश्किल है यहां व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं और गार्ड भी तैनात किए गए हैं, लेकिन उनकी संख्या थोड़ी कम है जिसके कारण इस तरह की हरकत कर लोग यहां से रवाना हो जाते हैं.

उच्च अधिकारियों से स्लोगन और टिप्पणियां हटाने की मांग

इसे लेकर लगातार उनसे अपील भी की जाती है कि वह राष्ट्रीय धरोहर को खराब ना करें यह सभी संपत्ति अपने पूर्वजों की ही देन है ऐसे में इनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी सभी को साथ मिलकर ही लेनी होगी वहीं उन्होंने बताया कि इन टिप्पणियों और स्लोगन को लेकर उच्चाधिकारियों को लेटर लिखा गया है जिसमें केमिकल के माध्यम से इन सभी को हटाने की मांग की गई है जिससे कि सुरक्षित रूप से इन्हें संगमरमर के पत्थर से हटाया जा सके और इस मुगलकालीन बरामदे को संरक्षित किया जा सके उन्होंने कहा कि इसके बाद यहां पर आने वाले सभी जायरीन पर्यटकों को भी चेतावनी दी जाएगी कि जिससे कि वह इस तरह की हरकत ना करें ऐसे में उन्होंने कहा कि इसे लेकर सजा का प्रावधान भी है और अब उन्हें इसकी जानकारी पुलिस को भी दी जाएगी.

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