नागौर (Nagaur) के डीडवाना (Didwana) की आबो हवा अब सात समंदर पार कर आने वाले (Migratory Birds) प्रवासी पक्षी फ्लेमिंगो (Flamingo) के साथ ही कुरजां (Kuranja) को भी लुभाने लगी है.
Trending Photos
Nagaur: राजस्थान के नागौर (Nagaur) के डीडवाना (Didwana) की आबो हवा अब सात समंदर पार कर आने वाले (Migratory Birds) प्रवासी पक्षी फ्लेमिंगो (Flamingo) के साथ ही कुरजां (Kuranja) को भी लुभाने लगी है. बीते कुछ समय से यह पक्षी डीडवाना में पड़ाव डालने लगे हैं. इस मेहमान पक्षी कुरजां के साथ कई नए पक्षियों के आने का सिलसिला जारी है.
डीडवाना की नमक झील क्षेत्र (Salt Lake Area) में इस बार भारी संख्या में कुरजां की मौजूदगी दर्ज की गई है, झील क्षेत्र में पड़ाव डालने के बाद आसमान में उड़ान भरते और चहचहाते इन पक्षियों से झील का पूरा इलाका गुलज़ार हो गया है. जो लोगों को आकर्षित कर रहा है. वहीं फ्लेमिंगो के भी यहां तेजी से आने का सिलसिला जारी है.
बांगड़ कॉलेज के प्रो डॉ अरुण व्यास (Prof. Dr. Arun Vyas) ने बताया कि कुरजां को अभी और सफर तय करना है, इसलिए कुछ समय के लिए उन्होंने डीडवाना में अपना पड़ाव डाला है, लेकिन पिछले कुछ सालों का अनुभव यह दर्शाता है कि कुरजां को डीडवाना की आबोहला माकूल लगने लगी है और उन्हे यहां भरपेट भोजन भी मिल रहा है और यही वजह है कि ये पक्षी अपना पड़ाव यहां डालने लगे हैं.
यह भी पढ़ें: जयपुर में फिर मिले ओमिक्रॉन मरीज, कोरोना एक्टिव केसों की संख्या हुई 262
जबकि फ्लेमिंगो पिछले कई सालों से डीडवाना में प्रवास के लिए आते हैं, फ्लेमिंगो को डीडवाना की आबोहवा रास आ चुकी है और वे यहां रम चुके हैं.
डॉ अरुण व्यास (Prof. Dr. Arun Vyas) के अनुसार नागौर जिले के नावां की सांभर झील और डीडवाना में नमक झील, सिंघी तालाब क्षेत्र में फ्लेमिंगो प्रवास के लिए आते है. फ्लेमिंगो एक सामाजिक जीव है जो झुण्ड में आता है और निश्चित अवधि के लिए प्रवास करता है. डीडवाना का मौसम अनुकूल होने के साथ ही यहां इन पक्षियों के लिए प्रचुर मात्रा में भोजन की उपलब्धता उनके यहां लम्बे समय तक रूकने की बड़ी वजह है.
Report: Hanuman Tanwar