Nagaur News: एक लाख आबादी वाले शहर में कई वर्षों से बंद पड़ी रोडवेज बस स्टैंड की खिड़की
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1061687

Nagaur News: एक लाख आबादी वाले शहर में कई वर्षों से बंद पड़ी रोडवेज बस स्टैंड की खिड़की

लाडनू में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की एकमात्र टिकट खिड़की वर्षों से बंद पड़ी धूल फांक रही है. इसके चलते आए दिन सैंकड़ो यात्री रोडवेज (Roadways) पूछताछ और टिकट को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं. 

एक लाख आबादी वाले शहर में कई वर्षों से बंद पड़ी रोडवेज बस स्टैंड की खिड़की

Nagaur: शहर में उपखंड स्तर के सभी विभागों के सरकारी कार्यालय यथावत रूप से संचालित हो रहे हैं लेकिन अफसोस कि बात तो यह है कि मुख्य बस स्टैंड पर स्थित राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की एकमात्र टिकट खिड़की वर्षों से बंद पड़ी धूल फांक रही है. इसके चलते आए दिन सैंकड़ो यात्री रोडवेज (Roadways) पूछताछ और टिकट को लेकर परेशानी का सामना कर रहे हैं. मगर किसी भी जिम्मेदार ने इस तरफ सुध लेने का प्रयास नहीं किया.

लाडनू में प्रतिदिन डीडवाना, अजमेर, झुंझुनूं, सरदारशहर सहित अन्य डिपो की दर्जनों बसे गुजरती और रुकती है लेकिन एक लाख से अधिक की आबादी वाले शहर में एक भी रोडवेज बस की समुचित जानकारी देने वाला उपलब्ध नहीं है. इसके चलते काफी महिलाओं और वृद्धजनों को भी आर्थिक रूप से खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. यदि बात की जाए रोडवेज बुकिंग स्थल की तो वहां सफाई के अभाव में जाले लटके हुए, कचरा बिखरा हुआ, समय सारणी उखड़ी हुई, बेसहारा पशु बैठे हुए और अवैध रूप से वाहन खड़े देखे जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें-Omicron और संभावित थर्ड वेव को लेकर Rajasthan तैयार, की गई ये व्यवस्थाएं

कई वर्षों से रोडवेज बस स्टैंड की खिड़की नहीं खुलने के कारण बस स्टैंड पर यात्री आना ही नहीं चाहते हैं और ना यात्रियों को रोडवेज बसों के सभी संचालन की जानकारी मिल पाती है. जिसके कारण यात्रियों को निजी बसों में यात्रा करना पड़ रहा है.

निजी बसों की मनमानी
रोडवेज प्रशासन की लापरवाही के चलते व्यवस्थाओ के गड़बड़ा जाने से रोडवेज सेवाओं को स्थानीय स्तर पर बदहाली के आंसू बहाते देखा जा सकता है. इसके चलते निजी बस संचालकों की मनमानी आए दिन बढ़ती नजर आ रही है. इस कारण स्थानीय आमजन में यातायात सुविधाओं को लेकर रोष व्याप्त है. वहीं निजी बस संचालकों द्वारा निकटतम गांवों की सवारियां भी नहीं ली जाती है और लंबी रूट की सवारियों से किराए से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं. 

ऐसे में सवारियों को भी रोडवेज बसों का संचालन सहित समयानुसार नहीं होने के कारण ज्यादा किराया देकर यात्रा करने को मजबूर हो जाते हैं. वहीं निजी बस संचालकों में बसों की सवारियों को लेकर कंपिटीशन होने के तेज गति और लापरवाही से चलाते हैं जिसके कारण हादसा होने का भी डर बना रहता है.

यह भी पढ़ें-किसी को भी Vaccination से इनकार का अधिकार नहीं - CM Gehlot

निर्देशों की हो रही अवेहलना
समीप स्थित ग्राम जसवंतगढ़ में भी रोडवेज कर्मिकों की मनमर्जी के चलते रोडवेज गांव से करीब 3 किमी बाहर हाइवे निकल रही है. इस समस्या को लेकर पूर्व में प्रशासन के अधिकारियों को रोडवेज मुख्य बस स्टैण्ड पर रुकने की मांग से अवगत करवाया गया था. इस पर कलक्टर ने रोडवेज को ग्राम जसवंतगढ़ स्थित बस स्टैंड पर रोकने के निर्देश भी दिये थे. मगर निजी बस संचालकों और रोडवेज को मिलीभगत के कारण अभी तक बस बाहर से निकलती है, जिससे विद्यार्थियों व ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Reporter-Damodar Inaniya

Trending news