इस कोरोना महामारी के दौरान इन मासूम बच्चों की पढ़ाई खराब न हो, उसके लिए बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया और कोरोना गाइडलाइंस (Corona Guidelines) को ध्यान में रखते हुए बच्चों को अपने निजी आवास पर पढ़ाना शुरू किया.
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Nagaur: उपखंड क्षेत्र के निकटवर्ती ग्राम श्यामपुरा के रहने वाले कुंवर हेमेंद्र सिंह (Kunwar Hemendra Singh) की पुत्री शिवानी राठौड़ (Shivani Rathod) जो पिछले साल कोरोना (Corona) से अपने पैतृक गांव में रही, यहां रहते हुए शिवानी ने देखा कि पिछले साल जब कोरोना महामारी शुरू हुई तो सभी स्कूल बंद हो जाने से अपने गांव और आसपास की बस्तियों के कई बच्चों को ऐसे ही घूमते फिरते देखा, इसलिए उन्हें अनुशासित करने और उनकी पढ़ाई के बारे में विचार किया.
इस कोरोना महामारी के दौरान इन मासूम बच्चों की पढ़ाई खराब न हो, उसके लिए बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया और कोरोना गाइडलाइंस (Corona Guidelines) को ध्यान में रखते हुए बच्चों को अपने निजी आवास पर पढ़ाना शुरू किया. इसके लिए उन्होंने बच्चों के लिए एक क्लासरूम तैयार किया है.
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गरीब बच्चों के लिए बहुमूल्य समय और पैसा किया खर्च
वह रोजाना गांव के अनेक परिवारों के बच्चें पढ़ने के लिए आते हैं. प्रतिस्पर्धा की अंधी दौड़ को दरकिनार कर नागौर जिले के परबतसर उपखंड क्षेत्र की शिवानी राठौड़ ने नायाब उदाहरण पेश किया है. उन्होंने गरीब बच्चों को अपने बहुमूल्य समय और पैसा खर्च कर शिक्षा मुहैया करवाने का बीड़ा उठाया है. बता दें कि बिना किसी फायदे के शिवानी राठौड़ ने यह बच्चों की शिक्षा का यह काम शुरू किया है.
ऐसे हुई शुरुआत
शिवानी ने बताया कि 'वह हर रोज दो घंटे स्टूडेंट को पढ़ाती हैं. कोरोना के दौरान स्कूले बंद हो जाने से उनकी पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए. इसके लिए शिवानी ने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हुए यह निर्णय लेकर उनको पढ़ाना शुरू किया है.'
1 बच्चे को पढ़ाने से की थी शुरुआत
1 बच्चे को पढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ था और इसके बाद बच्चे बढ़ते गए. आज शिवानी के पास गांव के 50 बच्चे पढ़ने आते हैं. इनको 5 बेच में सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक 5 अलग-अलग बैच में पढ़ा रही हैं. कोरोना गाइडलाइंस की पालन करते हुए 7-7 बच्चों के 5 बैच बनाए हुए हैं. वहीं, पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को पेंटिंग व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन करवा रही है.
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बच्चों को अंग्रेजी भाषा बोलना सिखाया
शिवानी ने बच्चों को जल्द ही अंग्रेजी भाषा सीखा दी है और सभी बच्चे अंग्रेजी में बात करते हैं. शिवानी का बताया है कि 'इन बच्चों को अभी अंग्रेजी भाषा का ज्ञान आ जायेगा तो यह अपने भविष्य में कही पर भी अपनी पढ़ाई पूर्ण कर सकते है.' शिवानी इन बच्चों को एक इंग्लिश मीडियम स्कूल (English medium school) के तरह पढ़ाई करवा रही हैं. साथ ही बच्चों को वर्तमान स्थिति के बारे में जागरूक कर रही हैं.
अभिभावक भी करते हैं इस पहल की सराहना
शिवानी द्वारा इन बच्चों को पढ़ाने की पहल की गांव के ग्रामीण व बच्चों के अभिभावक भी सराहना कर रहे हैं. अभिभावकों ने बताया कि 'उनके बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ गई है. वह अंग्रेजी में भी काफी होशियार हो गए है और घर पर आए मेहमानों से अंग्रेजी में बात करते हैं.'
कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान भी दिया जाएगा.
शिवानी ने बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया. शिवानी ने बताया कि 'कंप्यूटर शिक्षा (Computer Knowledge) में भी बच्चे न पिछड़े इसके लिए बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा भी दी जाएगी.' शिवानी ने बताया कि 'इन बच्चों को कम्प्यूटर में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी पढ़ाई जाएगी ताकि अभी से यह बच्चे कम्प्यूटर में रुचि रखते हुए पढ़ाई करें.'
नैतिक शिक्षा की दी रही प्रेरणा
शिवानी बच्चों को महान लोगों की जीवनी के बारे में बताती है और बच्चों को उनके बताए मार्गों पर चलने की प्रेरणा देती हैं. बच्चों को नैतिक शिक्षा (Moral Education) के बारे में पढ़ाया जाता है. इसके अलावा रहन-सहन और आदर सत्कार के बारे में भी शिक्षा दी जाती है.
Reporter- Hanuman Tanwar