नसीराबाद भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल होने के कारण इसे अंग्रेजों ने अपनी छावनी बनाई थी.
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Nasirabad: नसीराबाद भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल होने के कारण इसे अंग्रेजों ने अपनी छावनी बनाई थी. आजादी के बाद अभी भी यह देश की महत्वपूर्ण छावनी में से एक है, जिसके चलते यहां पर देश के विभिन्न राज्यों के सैन्य जवानों और अधिकारियों का आवागमन लगा रहता है. इसके बावजूद नसीराबाद के रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाओं को लेकर यात्री परेशान और आक्रोशित है.
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नसीराबाद रेलवे स्टेशन पर मात्र एक प्लेटफार्म निर्मित है, किसी भी यात्री गाड़ीयों का नसीराबाद में क्रॉसिंग होने पर इस इकलौते प्लेटफार्म नम्बर एक पर ट्रेन आकर रुक जाती है और दूसरी ट्रेन बिना प्लेटफार्म वाले ट्रैक पर आकर रूकती है जिसके चलते ब्राडगेज की ऊंची ट्रेन से वृद्ध यात्रियों, बच्चों, महिलाओं आदि का उतरना परेशानी और जोखिम भरा रहता है.
विडंबना की परिकाष्ठा तो यह है कि अपने लगेज के साथ ट्रेन से उतरते वक्त कई बार कई यात्री गिर चुके हैं. बिना प्लेटफार्म के ट्रेन से उतरना विकलांग व्यक्तियों के लिए कोढ़ में खाज साबित हो रहा है. ट्रेन से उतरना ही नहीं बल्कि ट्रेन में चढ़ना भी उतना ही जोखिम भरा और पीड़ादायक होता है. शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने नसीराबाद रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 2 का निर्माण कराने की कई बार आवाज उठाई लेकिन प्रशासनिक रवैये के चलते आवाज दब कर रह गई.
नसीराबाद रेलवे स्टेशन के निकट नसीराबाद ब्यावर मार्ग स्थित फाटक से निजात दिलाने के लिए ओवर ब्रिज का कार्य चल रहा है. यह कार्य भी कछुआ चाल से चलने के कारण चिलचिलाती धूप में रेलवे फाटक बंद होने पर राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. भीलवाड़ा की तरफ से आने वाली ट्रेन का झड़वासा रेलवे स्टेशन छोड़ते ही रेलवे फाटक बंद कर देना और अजमेर की तरफ से आने वाली ट्रेनों के राजोसी छोड़ते ही फाटक बंद कर देने के कारण फाटक बंद रहने का अंतराल काफी लंबा हो जाता है, जिससे रेलवे फाटक के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग जाती है जिसमें कई बार एंबुलेंस और अग्निशमन वाहन भी सायरन बजाते हुए फंसकर रह जाते हैं.
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नसीराबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा का आलम यह है कि प्लेटफार्म नंबर एक पर टीन शेड भी दो भागों में लगाया हुआ है. दोनों टीन शेड के बीच किसी भी यात्री का कोच आने और उस वक्त बरसात होने की स्थिति में बिना टीन शेड के कोच में बैठना और उतरना यात्रियों के लिए असंभव सा हो जाता है.
नसीराबाद सैनिक छावनी और ट्रक ट्रेलर नगरी होने के कारण दूरदराज के शहरों में क्षेत्रवासियों का आवागमन लगा रहता है. इसके बावजूद भी सभी यात्री गाड़ियों का ठहराव इस रेलवे स्टेशन पर नहीं होने के कारण विवश होकर समय और पैसा व्यय करते हुए अजमेर रेलवे स्टेशन से गंतव्य स्थान तक आना जाना पड़ता है.
Report: Manveer Singh