नसीराबाद के रामसर चुंगी नाके का वाटर टैंक जल्द होगा दुरुस्त, बजट स्वीकृत
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नसीराबाद के रामसर चुंगी नाके का वाटर टैंक जल्द होगा दुरुस्त, बजट स्वीकृत

इस वाटर टेंक से ग्रामीण क्षेत्र नांदला, बिठूर, राजगढ़, बिडक्चावास, खरवा, लामाना, पीपलाज, सनोद, दिलवाडा आदि पम्प हाऊस पर पेयजल पहुंचा कर ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल वितरित किया जाता है.

नसीराबाद के रामसर चुंगी नाके का वाटर टैंक जल्द होगा दुरुस्त, बजट स्वीकृत

Nasirabad : अजमेर के नसीराबाद ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए रामसर चुंगी नाके के पास एक वाटर टैंक बनाया हुआ है. जहां से विभिन्न गांव में पेयजल आपूर्ति की जाती है. लगभग छह दशक पहले बनाया गया ये वाटर टैंक धीरे धीरे क्षतिग्रस्त हो गया और गत वर्ष बरसात के मौसम में इस वाटर टैंक की छत के कोने का हिस्सा गिर गया था.

ये वाटर टैंक अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इसके नवनिर्माण कराने की अधिकारियों को जानकारियां दी गई थी. जिसके तहत वाटर टैंक को जीरो पॉइंट से नवनिर्माण कराने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था. जिसका बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है.

राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए 161 करोड़ रुपए की बजट घोषणा की है. इस घोषणा में ये क्षतिग्रस्त वाटर टैंक का नवनिर्माण कराना भी शामिल है.
ग्रामीण CWR PS No.6 का निर्माण 1961 में किया गया था. लगभग छ दशक पूर्व निर्माण के वक्त इसकी छत आरसीसी के बजाए स्टोन स्लैब (पट्टियों) की बनाई गई थी.

पानी की उठने वाली भाप और मौसम की मार से ये स्टोन स्लैब (पट्टियां) कमजोर हो गई और गत वर्ष बरसात में एक कोना क्षतिग्रस्त होकर गिर गया था. इतना ही नहीं बल्कि इसकी दिवारें भी क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का रिसाव होने लगा. जिसके चलते जलदाय विभाग के अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा था. जहां वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है और तकनीकी स्वीकृति का कार्य चल रहा है.

इस वाटर टेंक से ग्रामीण क्षेत्र नांदला, बिठूर, राजगढ़, बिडक्चावास, खरवा, लामाना, पीपलाज, सनोद, दिलवाडा आदि पम्प हाऊस पर पेयजल पहुंचा कर ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल वितरित किया जाता है.

जलदाय विभाग के अधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से वाटर टैंक का जिस स्थान से छत का कोना गिरा है वहां पर छोटे-छोटे पिलर बनाकर उन पर पाइप से तारबंदी कर दी है। ताकि कोई व्यक्ति अथवा जानवर उस क्षतिग्रस्त क्षेत्र में पहुंचकर पानी में नहीं गिर सके. इतना ही नहीं बल्कि पानी में कचरा आदि नहीं गिरे नहीं इसके लिए प्लास्टिक ढक दी गई.

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