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Alwar: ऑल इंडिया एड्स कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन ने आज मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मानदेय पुनरीक्षण में हुई विसंगतियों को दूर करने की मांग की है. जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि भारत वर्ष के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत कार्यरत हम लगमग 25 हजार सविदा कर्मी कार्य कर रहे हैं.
साथ ही बताया कि कोविड-19 में संसाधनों के अभाव के चलते भी हमने पूर्ण ईमानदारी से अपनी सेवायें दी हैं और आज भी दे रहे हैं. हमारे सैकड़ों साथी कोविड-19 से संक्रमित भी हुए और कई तो कोविड से अपनी जान से हाथ धो बैठें.
4 से अधिक वर्षों से कर रहें है निवेदन
उन्होंने कहा कि महोदय हमारा मानदेय पुनरीक्षण अप्रैल 2017 में किया जाना था. जिसके लिए हम पिछले 4 वर्षों से अधिक समय से लगातार निवेदन कर रहे हैं. इससे पूर्व अक्टूबर 2013 में मानदेय पुनरीक्षण किया गया था. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने लगभग आठ वर्ष बाद 3 जून 2022 को मानदेय पुनरीक्षण किया गया है, जो कि वर्तमान में बढ़ती मंहगाई दर के हिसाब से बहुत कम है.
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इस मानदेय पुनरीक्षण में सभी वरिष्ठ संविदा कर्मियों जो पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहे है उनकी उपेक्षा की गयी है. उनको मानदेय पुनरीक्षण में 1रुपये का भी लाभ नहीं दिया गया है. हमारे हजारों संविदा कर्मी तो इस कार्यक्रम में पिछले 18-20 वर्षों से अधिक समय काम करते करते अपनी सरकारी नौकरी की आयुसीमा भी पार कर चुके हैं, लेकिन नाको ने मानदेय पुनरीक्षण के नाम पर इनके दीर्घकालीन अनुभव को दरकिनार कर दिया गया है.
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