Alwar Nagar Nigam : अलवर नगर निगम की बोर्ड की बैठक में हंगामे के बीच 300 करोड़ रुपए बजट पास
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Alwar Nagar Nigam : अलवर नगर निगम की बोर्ड की बैठक में हंगामे के बीच 300 करोड़ रुपए बजट पास

Alwar Nagar Nigam News : राजस्थान के अलवर नगर निगम की बोर्ड की बैठक में आज खूब हंगामा हुआ. इसी बीच करीब 300 करोड़ रुपए बजट पास हो गया. 

Alwar Nagar Nigam : अलवर नगर निगम की बोर्ड की बैठक में हंगामे के बीच 300 करोड़ रुपए बजट पास

Alwar Nagar Nigam News : नगर निगम की बोर्ड की बैठक में आज खूब हंगामा हुआ. इसी बीच करीब 300 करोड़ रुपए बजट पास हो गया. हंगामा के बीच नगर निगम की बैठक मात्र 30 मिनट ही चली. 

जिसमें विपक्षी पार्टी आरोप लगाते रहे. उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. नगर निगम के कामकाज को लेकर पार्षदों ने सवाल उठाए लेकिन किसी का भी जवाब नहीं दिया गया.

अलवर नगर निगम की बोर्ड की बैठक में हंगामा

संसाधन होने के बावजूद भी शहर की सफाई व्यवस्था से सभी पार्षद असंतुष्ट नजर आए. बैठक के बीच में मेयर घनश्याम गुर्जर व अन्य कांग्रेस के पार्षदों के बीच में जुबांनी खींचतान दिखी.

मंच पर ही राज्य सरकार में वन मंत्री व अलवर शहर के विधायक संजय शर्मा भी मौजूद थे. सबसे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र मीणा ने वन मंत्री को अपनी ओर ध्यान खींचने को कहा कि तो मंत्री ने जवाब दिया कि आप मेयर को संबोधित करें.

हंगामे के बीच करीब 300 करोड़ रुपए का बजट हुआ पास

मैं यहां एक विधायक के तौर पर मौजूद हूं. तब मीना ने कहा कि मेयर तो नाम के हैं. काम कुछ नहीं कर पाते हैं. इसके बाद दोनों के बीच में तीखी बहस हुई. जिन पार्षदों के काम नही हुए वह भी सदन में नीचे धरने पर बैठ गए. बजट की बैठक में कांग्रेस पार्षदों की ओर से हंगामा होता रहा. तो बाकी पार्षदों को बोलने का मौका नहीं मिला. कुछ ही पार्षद अपनी बात रख पाए. इसी हंगामे के बीच करीब 300 करोड़ रुपए का बजट पास हो गया.

वन मंत्री संजय शर्मा, सभापति घनश्याम गुर्जर और आयुक्त मनीष फोजदार सहित अधिकांश पार्षद बैठक में मौजूद रहे. बैठक के बाद मेयर घनश्याम गुर्जर ने कहा कि सदन में जो भी बाते आई हैं उस मामले में गंभीरता से काम होगा. किसी की गलत कार्यशैली है तो कार्य कराया जाएगा. सुझाव कोई भी आम नागरिक दे सकता है.

जनता को भी जागरूक होने की जरूरत है. खुले में कचरा नहीं फेंकें. उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में जो भी पार्षदों के सुझाव आए हैं. उनको आगे सरकार को भेजा जाएगा. सरकार अब नई ऊर्जा के साथ शहर का विकास करेगी और जो भी विकास के कार्य शहर में नहीं हो पाए उनको जल्दी पूरा कराया जाएगा.

उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी चल रही है .उनको जल्द ही पूरा किया जाएगा .इसके लिए उन्होंने मंत्री को भी अवगत कराया है .पार्षदों के धरने पर बैठने के सवाल पर महापौर घनश्याम गुर्जर में कहा कि कर्मचारियों के द्वारा पार्षदों के कार्य नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए आक्रोशित पार्षद धरने पर बैठ गए.उन्होंने मंत्री से कहा है कि कर्मचारियों को पार्षद का काम करना होगा. अगर कर्मचारियों ने पार्षदों का कार्य नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

इधर वार्ड 58 की पार्षद देवेंद्र कौर ने ये कहते हुए आरोप लगाया कि महापौर को महिलाओं की रिस्पेक्ट कैसे की जाती है यह भी नहीं आता. मैं आधे घंटे तक खड़ी रही, लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया .उन्होंने एक ठेकेदार प्रवीण चौधरी पर आरोप लगाया कि सारे ठेके उन्होंने ले रखे हैं. लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ.

एरोड्रम में सीवरेज की अभी तक लाइन नहीं डाली है जिससे आम जन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने कोई कार्य नहीं किया. उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और उसका बिल पास क्यों किया. ठेकेदार के बिल पास करने में आयुक्त की संलिपिता का भी आरोप लगाया. इस पर ज्यादातर पार्षद महिला पार्षद के साथ खड़े नजर आए. उन्होंने महापौर पर आरोप लगाया कि महापौर खुद ना तो अपनी पार्टी के हैं ना किसी दूसरी पार्टी के पार्षदों के साथ हैं.

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पार्षद मुकेश सारवान ने बताया कि पहले मंत्री मोदी द्वारा कहा गया कि सभी पार्षदों को बोलने का मौका दिया जाएगा. लेकिन बोलने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि अभी तक कमेटियों का गठन नहीं किया गया. जिससे नगर निगम का कार्य प्रभावित हो रहा है.

अगर कमेटी गठित हो जाती तो सारे काम पारदर्शिता से होते और पार्षद को कम से कम शिकायत रहती. उन्होंने सवाल किया कि शहर की सफाई व्यवस्था के लिए वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मी लगे हुए हैं, लेकिन 150 सफाई कर्मी अन्य जातियों से हैं. उनसे यह काम क्यों नहीं लिया जाता है.

पदोन्नति पर भी सवाल उठाते उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी की सीनियरिटी के आधार पर कोई पदोन्नति नहीं की गई. जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को इन्होंने इंस्पेक्टर तक का प्रमोशन दिया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर अलवर शहर का विकास नहीं चाहते. नगर परिषद के पास वर्तमान में सभी संसाधन मौजूद हैं और नए संसाधन मंगवा भी गए हैं लेकिन मॉनिटरिंग के अभाव में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हुई पड़ी है.

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