हाथरस भगदड़ के बाद भी महिलाओं में भोले बाबा के वचनों का क्रेज,कहा-साजिश के तहत कराई घटना
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हाथरस भगदड़ के बाद भी महिलाओं में भोले बाबा के वचनों का क्रेज,कहा-साजिश के तहत कराई घटना

Alwar News: अलवर जिले के खेरली इलाके के सहजपुरा गांव में भी का आश्रम है. जहां बाबा के सैकड़ो महिला अनुआई है.कुछ लोग इस हादसे के बाद बाबा के खिलाफ भी हैं और आज भी खासतौर से महिलाओं में बाबा का क्रेज बना हुआ है . 

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Alwar News:उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध नारायण हरि के सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद हुए हादसे को लेकर देशभर में बाबा के आश्रमों पर चर्चा होने लगी है और पूरे देश में इस बाबा के अनुयाई हैं. अलवर जिले के खेरली इलाके के सहजपुरा गांव में भी का आश्रम है. जहां बाबा के सैकड़ो महिला अनुआई है . बैकुंठी, द्रोपदी,संतरा जिनसे बात की. 

कुछ लोग इस हादसे के बाद बाबा के खिलाफ भी हैं और आज भी खासतौर से महिलाओं में बाबा का क्रेज बना हुआ है . हाथरस के हादसे को यहां की महिला अनुयाई कहती हैं कि जब महाराज जी कहते हैं कि मुझे मत छूना तो उनकी रज लेने की क्या जरूरत पड़ी. 

उन्होंने महिलाओं ने बताया जब महाराज जा रहे हैं तो उनके पीछे भागने की क्या जरूरत है. धोक देने की जरूरत क्या है. क्योंकि वह अपने पैरों के हाथ नहीं लगने देते और दूर से ही बोलते रहते हैं. उन्होंने बताया कि बाबा का इसमें कहीं कसूर नहीं है.

15 साल हो गए मुझे भी जाते हुए खूब दिया है और आज मैं पूरी तरीके से सकून में हूं .उन्होंने कहा कि मैं भी मन से सेवा करती हूं, लेकिन वह सेवा नहीं करने देते जो भी वहां पर सेवादारी का कार्य होता हैकर लेते हैं . कुछ लोग नौकरी छोड़कर भी बाबा के सेवा में लगे हुए हैं .उन्होंने कहा कि जिस तरीके से वह प्रवचन देते हैं. 

अपनी बात कहते हैं वह हर आदमी के दिमाग में उस बात को बैठा लेते हैं कि परमात्मा से बड़ा कोई नहीं है. उनके लोग प्रवचनों को मान रहे हैं .गरीब हो या अमीर सबको एक ही नजरों से देखते हैं. किसी के साथ भेदभाव नहीं करते. सहजपुरा गांव में बाबा का आश्रम बना हुआ है .लेकिन बाबा कोरोना के बाद नहीं आए. 

कोरोना के दौरान ही करीब कई महीना यहां रुके थे.आश्रम को बने करीब 15 साल हो गए. बाबा यहां कई बार आ चुके हैं. यहां जब भी सत्संग होता था तो सैकड़ो लोग उसमें शामिल होते थे. प्रवचन देते हैं .लेकिन किसी को भी नहीं छूने देते. वह तो सभी से कहते हैं कि परमात्मा को मानो और किसी को मत मानो. वह किसी से एक पैसा भी नहीं लेते .कोई अपनी इच्छा से देना चाहे तो अलग बात है. 

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