तेज बारिश से पारा 23 डिग्री पहुंचा, शहर में जगह-जगह जल भराव से लोगों को हुई मुश्किल
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तेज बारिश से पारा 23 डिग्री पहुंचा, शहर में जगह-जगह जल भराव से लोगों को हुई मुश्किल

शुक्रवार देर रात से झमाझम बारिश जारी है, जिससे भिवाड़ी का अधिकतम तापमान 23 डिग्री पर पहुंच चुका है. लोगों को गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा है. बारिश के पानी से सड़कों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो चुकी है.

तेज बारिश से पारा 23 डिग्री पहुंचा, शहर में जगह-जगह जल भराव से लोगों को हुई मुश्किल

Tijara: भिवाड़ी क्षेत्र में शुक्रवार देर रात से झमाझम बारिश जारी है, जिससे भिवाड़ी का अधिकतम तापमान 23 डिग्री पर पहुंच चुका है. लोगों को गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा है. बारिश के पानी से सड़कों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो चुकी है, रीको और नगर पालिका के नालों के चेंबरो से पानी उफान खाकर सड़कों पर भर गया है, जिससे राहगीरों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है.

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भिवाड़ी में शुक्रवार देर रात से शुरू हुआ रिमझिम बारिश का दौर शनिवार को भी जारी है. शुक्रवार रात को बारिश की बूंदाबांदी होती रही. शनिवार सुबह होते होते बारिश ने रफ्तार पकड़ ली और तेज बारिश के साथ ही भिवाड़ी की सड़कें तरबतर हो गई जिससे भगत सिंह कॉलोनी के पास सोहना तावडू रोड, सेंट्रल मार्केट के सामने और महेश्वरी गेट के पास मुख्य हाईवे तालाब में तब्दील हो गया, जिससे साधनों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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लगातार हो रही बारिश की वजह से बाजार में भी रौनक कम हो गई है. लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया है, भिवाड़ी के ज्यादातर नाले बारिश और कंपनियों का पानी आने से ओवरफ्लो हो रहे हैं नालों पर लगे चेंबर लगातार पानी उड़ेल रहे हैं. शुक्रवार को जहां पूरे दिन क्षेत्र में बादल छाए रहे व ठंडी हवाएं चलती रही जिससे गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा था.

बारिश से किसानों को होगा फायदा

लौटते मानसून की हो रही बारिश से किसानों को काफी फायदा बताया जा रहा है. इस समय अक्टूबर माह के अंत तक किसान खेतों में सरसों की बिजाई करते हैं, इससे पहले खेतों में पानी देने की आवश्यकता होती है बारिश होने से किसानों को यह पानी नहीं देना पड़ेगा, जिससे बिजली के साथ-साथ किसानों का डीजल का काफी खर्चा भी बच गया है. इसके अलावा फसल भी अच्छी होने की उम्मीद बनी हुई है, लेकिन जिन किसानों ने हाल ही में सरसों की बिजाई कर दी है, उनको इस बारिश से नुकसान होने की आशंका बनी हुई है.

बिजाई पर बरसात का पानी पड़ने से जमीन में पपड़ी बन जाती है और बीज अंकुरित होकर ऊपर नहीं निकल पाता बीज जमीन के अंदर ही गल जाता है, लेकिन यहां सुकून की बात यह है कि अभी ज्यादातर किसानों ने सरसों की बिजाई नहीं की है. इसके साथ ही अगर अक्टूबर माह के अंत में बारिश होती है तो गेहूं की बिजाई में भी किसानों को बहुत बड़ा फायदा हो जाएगा. फिलहाल किसानों ने सरसों की बिजाई के लिए खेतों की जुताई कर उनको तैयार कर दिया है.

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