क्षेत्र के राजकीय रेफरल अस्पताल में केवल 6 चिकित्सक ही लगे हुए हैं. अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो हड्डियों का चिकित्सक नहीं. चिकित्सक नहीं होने से लोगों को मजबूरन अलवर, भरतपुर और जयपुर जाना पडता है, जो खर्चीला और मरीजों पर भार है.
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Kathumar: खेड़ली कस्बे सहित क्षेत्र का एकमात्र राजकीय रेफरल अस्पताल के लिये 11 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां पर केवल 6 चिकित्सक ही लगे हुए हैं. अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो हड्डियों का चिकित्सक नहीं. महिला रोग विशेषज्ञ का पद भी काफी समय से खाली पड़ा होने से प्रसाविकाओं को प्रसव के लिये बाहर जाना पडता है.
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जिससे जननी सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. वर्षों से आधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑपरेशन थियेटर सर्जन नहीं होने के चलते बंद पडा हुआ है. वहीं, नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ और अन्य चिकित्सक नहीं होने से लोगों को मजबूरन अलवर, भरतपुर और जयपुर जाना पडता है, जो खर्चीला और मरीजों पर भार है.
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इन दिनों मौसम के बदलाव के चलते अस्पताल मे सर्दी जुकाम बुखार के मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी हुई है. चिकित्सकों ने बताया कि आजकल अस्पताल मे करीब एक हजार के आसपास मरीज आ रहे हैं, जिनमें करीब 70 से 80 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जो कि मौसमी बीमारियों के कारण अस्वस्थ है.
खेड़ली अस्पताल मे सामान्य जांच मशीन और सीवीसी की मशीन खराब होने के कारण मरीजों को चिकित्सालय के बाहर निजी लैबों पर जांच करानी पड़ रही है. निजी लैब संचालक मरीजों की मजबुरी का फायदा उठाकर मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. लोगों ने बताया कि बीमारियों में जांच ही महत्त्वपूर्ण है, उसके बाद ही उपचार होता है. प्राईवेट जांच कराने के कारण लोगों को मुख्यमंत्री की चिरंजीवी योजना का लाभ नही मिल रहा है.