Baran News: व्यापारियों की दादागिरी से किसान परेशान, सरकार को भी लगा रहे चूना
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Baran News: व्यापारियों की दादागिरी से किसान परेशान, सरकार को भी लगा रहे चूना

Baran News: राजस्थान के बारां जिले के समरानियां कस्बे में स्थित कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की दादागिरी चल रही है. व्यापारी बोली के नाम पर लगभग 2 से 4 किलो अनाज मंडी प्रांगण में फैला देते हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है. वहीं, इस मंडी में बारां मंडी से अधिक हम्माली वसूल रहे हैं. 

Samraniya krishi upaj mandi

Rajasthan News: बारां के समरानियां क्षेत्र में कहते है कि खेती मानसून का जुआ है. मौसम की मार को सहते हुए किसान किसी तरह फसल तैयार कर मंडी में पहुंचता है, लेकिन वहां भी उसके साथ न्याय नहीं होता. हम बात कर रहे हैं समरानियां कस्बे के बालाचार में स्थित कृषि उपज मंडी जहां व्यापारियों द्वारा किसानों के साथ सरेआम धोखा किया जा रहा है. जब किसान अपने खेत से एक एक दाने को समेट कर मंडी पहुंचता है, तो उसे लगता है कि मंडी में उसके साथ अन्याय नहीं होगा, लेकिन वहां भी व्यापारियों द्वारा किसानों को धोखा ही मिलता है. आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस ओर किसी का ध्यान भी नहीं जाता. 

मंडी में चल रही व्यापारियों की दादागिरी
कृषि उपज मंडी में जब किसान अनाज लेकर पहुंचता है, तो बोली ट्राली में ही लगाई जाती है. अभी सरसों की ट्राली मंडी पहुंच रही है, जहां व्यापारियों द्वारा ट्राली से मुठ्ठी भर भर कर बोली के नाम से लगभग 2 से 4 किलो सरसों मंडी प्रांगण में फैला दिया जाता है, जिसकी कीमत आज के भाव से देखें, तो लगभग 160 रुपए प्रति ट्राली पहुंचती है. इसी तरह से मंडी में 70 से 90 ट्राली रोज पहुंच रही हैं, जिसका यदि अनुमान लगाया जाए, तो 14400 रुपए प्रति दिन होता है और यह सीजन लगभग 90 दिन चलेगा. इस हिसाब से यदि देखें, तो पूरे सीजन में 1296000 रुपए होते हैं, जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है. यदि सभी फसलों का आकलन किया जाए, तो यह और भी ज्यादा हो सकता है. किसान भवरसिंह काला माल, मुलायम सिंह यादव विेची, शक्ति गायन ने बताया कि मंडी में यदि ट्राली में बोली की जगह ढेर लगाया जाए, तो यह नुकसान नहीं होगा क्योंकि हम उसे तुलाई के दौरान समेट लेंगे. 

समरानियां मंडी में वसूली जा रही अधिक हम्माली 
अभी तो उस अनाज को व्यापारियों द्वारा हम्मालों के माध्यम से भर लिया जाता है. किसानों को भरने नहीं दिया जाता कहा जाता है कि इसी से तो मंडी के खर्चे चल रहे हैं.  मंडी में हम्माली के नाम पर भी किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है. हम्माली के नाम पर किसानों से लगभग चार रुपए प्रति वैग अधिक लिए जा रहे हैं. समरानियां कृषि उपज मंडी, बारां कृषि उपज मंडी से संचालित है. ऐसे में बारां मंडी में हम्माली आठ रूपए प्रति वैग लिया जाता है. वहीं, समरानियां मंडी में किसानों से बारह रुपए प्रति वैग के हिसाब से लिया जा रहा है. यानी चार रुपए प्रति वैग अधिक वसूले जा रहे हैं, जिससे किसानों को लाखों रुपए की चंपत व्यापारियों द्वारा लगाई जा रहा है. क्षेत्र के किसानों की मांग है कि जो हम्माली बारां मंडी में ली जा रही है, वही हम्माली समरानियां मंडी में ली जाए.

खुले आम व्यापारी कर रहे टैक्स चोरी 
किसानों ने बताया कि प्लास्टिक बैग का वजन 600 ग्राम किसानों से काटा जा रहा है, जबकि उसका वजन लगभग एक सौ तीस ग्राम है. वहीं, जूट के बैग का 900 ग्राम काटा जा रहा है, जबकि उसका वजन 550 के लगभग है. वहीं, मंडी में लगभग एक भी व्यापारी के कांटे का सत्यापन नहीं है. किसानों को एक भी व्यापारी द्वारा फार्म का प्रमाणित बिल नहीं दिया जाता. सादा कागज पर बिल थमा कर सरकार को जीएसटी और टैक्स में जमकर चूना लगाया जा रहा है. 

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