भाजपा किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष उदालाल मीणा ने बताया कि खरीफ की फसलों में गत दिनों अतिवृष्टि और बाढ़ ने काफी तबाई मचाई थी. उसके बाद बची खुची उम्मीद एक बार फिर बरसात की मार की भेंट चढ़ रही हैं.
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Chhipa Barod: बारां के छीपाबड़ौद क्षेत्र में विदा लेते मानसून ने भी एक बार फिर काश्तकारों को रुलाया है. दो दिन से हो रही बरसात से खेत में कटाई के लिए तैयार फसलों में खराब की स्थिति बन आई है.
भाजपा किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष उदालाल मीणा ने बताया कि खरीफ की फसलों में गत दिनों अतिवृष्टि और बाढ़ ने काफी तबाई मचाई थी. उसके बाद बची खुची उम्मीद एक बार फिर बरसात की मार की भेंट चढ़ रही हैं.
उन्होंने बताया कि बार-बार प्राक्रतिक आपदा काश्तकारों के साथ कुठाराघात कर रही है, तो वहीं सरकार भी काश्तकारों की पीड़ा पर ध्यान नहीं दे रही. उन्होंने बताया कि तहसील के कई गांवों के काश्तकार गत वर्षों में हुए नुकसान के मुआवजे के लिए आज भी बांट जोह रहे हैं. वर्ष 2021 में भी खरीफ की फसल में खराबा हुआ था. सर्वे के बाद काश्तकारों से कागज दस्तावेज जमा करवा लिए लेकिन, कई काश्तकारों को मुआवजा नहीं मिला.
अधिकारियों से पूछने पर उन्होंने बताया वेबसाइट पोर्टल चलने के बाद ही छूटे हुए किसानों का मुआवजा मिल पाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार ऑनलाइन-ऑफलाइन के चक्कर में किसानों को उलझा देते है. इसके अलावा समय पर फसल बीमा भी नहीं मिलता है, जो मिलता है वह भी न के बराबर मिलता है.
पिछले साल का मुआवजा और बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला और इस साल भी कुदरत का कहर हो गया. ऐसे में इस साल का भी नुकसान का मुआवजा किसानों को मिलेगा कि नहीं, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि लगातार हो रही बरसात से खेतों में पानी भरा हुआ है. फसले पकाव के बाद फिर से उगने लगी हैं, ऐसे में खेतों से घर क्या लेकर आएगा किसान. उन्होंने क्षेत्र में हुए खराबे का सर्वे करवाकर सहायता राशि शीघ्र दिलाने की मांग की है.
Reporter- Ram Mehta
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