बाड़मेर न्यूज: दो बहनों की बंदोली घोड़ी पर निकलाने से नाराज खाप पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया. वहींजातीय पंचों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पुलिस पीड़ित दलित से सबूत मांग रही है.
Trending Photos
Siwana, Barmer: आजादी के 75 वर्ष बाद भी बैखोफ होकर जातीय खाप पंचायत तालिबानी तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बाड़मेर जिले में सिवाना थाना क्षेत्र में जातीय पंचों का तालिबानी तुगलकी फरमान सामने आया है. जहां पर पंचों ने एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर समाज से बहिष्कृत कर दिया. जिसके बाद पीड़ित ने सिवाना थाने में जातीय पंचों के खिलाफ परिवाद दर्ज करवाया है लेकिन सिवाना पुलिस ने जातीय पंचों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित से ही इस मामले का सबूत मांग रही है.
सिवाना थाने में पीड़ित शंकर राम मेघवाल निवासी मेली ने रिपोर्ट देकर बताया कि मैंने समाज में समानता को बढ़ाने के लिए मेरी दो बहनों की शादी करवाई और उस शादी में दोनों ही बहनों की बंदोली घोड़ी पर बिठाकर निकाली थी जिससे समाज की महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर स्थान मिल सके. यह बात जातीय पंचों को नागवार गुजरी और उन्होंने सिवाना के खालसों का वास स्थित रामदेव मंदिर में जातीय पंचों ने खाप पंचायत बुलाई और पूरे परिवार का हुक्का पानी बंद कर समाज से बहिष्कृत कर 50,000 रुपये का आर्थिक दंड लगा दिया.
पीड़ित शंकराराम का कहना है कि मेरा सिर्फ इतना गुनाह है कि मैंने अपनी बहनों की शादी में बंदोली घोड़ी पर बैठा कर निकाल दी और उसके बाद जातीय पंचों ने तुगलकी फरमान जारी किया है और जो व्यक्ति मेरे से बात करेगा उसको भी जातीय पंचों द्वारा दंडित करने का फरमान सुनाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वहीं इस पूरे मामले को लेकर सिवाना थानाधिकारी नाथू सिंह ने तुगलकी फरमान जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय जातीय पंचों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि जोधपुर पुलिस रेंज में कोई खाप पंचायत है ही नहीं. पीड़ित संगराराम ने जो परिवार दिया है इस पर हमने शंकराराम से कहा है कि समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद करने के मामले में आपके पास ऑडियो वीडियो या कॉल रिकॉर्डिंग का कोई सबूत है तो आप पेश करें.
यह भी पढ़ेंः मालपुरा में एक विधवा का आरोप, बोली- ससुरालवाले उठा ले गए मेरा बच्चा
यह भी पढ़ेंः जयपुर में चाची ने रात में करवाया भतीजी का गैंगरेप, बनाया अश्लील वीडियो