Gudamalani: कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जैविक खेती पर प्रशिक्षण आयोजित, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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Gudamalani: कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जैविक खेती पर प्रशिक्षण आयोजित, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

बाड़मेर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र गुडामालानी द्वारा जैविक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. बी. एल. मीणा वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष ने बताया कि संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है. 

जैविक खेती पर प्रशिक्षण आयोजित

Gudamalani: बाड़मेर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र गुडामालानी द्वारा जैविक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. बी. एल. मीणा वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष ने बताया कि संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है. 

बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग परिस्थितिकी तंत्र प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान के चक्र प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है. 

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साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है और मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है. प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल और प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र (पारिस्थितिकी तंत्र) निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु और वातावरण प्रदूषित नहीं होता था. 

वर्तमान में कृषि में तरह-तरह की रसायनिक खादों और कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है, जिसके फलस्वरूप जैविक और अजैविक पदार्थों के चक्र का संतुलन बिगड़ता जा रहा है और वातावरण प्रदूषित होकर, मानव जाति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. अब हम रसायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों के उपयोग के स्थान पर जैविक खादों और दवाईयों का उपयोग कर, अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं जिससे भूमि, जल और वातावरण शुद्ध रहेगा और मनुष्य और प्रत्येक जीवधारी स्वस्थ रहेंगे. 

डॅा. गीतेश मिश्र ने सभी किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में पशुओं में फैल रही लुंपी स्कीन बीमारी के रोकथाम उपचार नियंत्रण के बारे में किसानों को जानकारी दी. इस दौरान डॉ. रावता राम भाकर ने सभी किसानों को जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया और वर्मी कंपोस्ट इकाई बनाने के लिए विधि के बारे में बताया और उन्नत पशुपालन के बारे में भी जानकारी दी है.

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