पचपदरा: अवैध कपड़ा फैक्ट्रियों का बिछा जाल, NGT निर्देशों को अनदेखा कर फैला रही प्रदूषण
Advertisement

पचपदरा: अवैध कपड़ा फैक्ट्रियों का बिछा जाल, NGT निर्देशों को अनदेखा कर फैला रही प्रदूषण

बालोतरा कपड़ा उद्योग से होने वाले जल प्रदूषण को लेकर एनजीटी पहले ही काफी नाराज है. बालोतरा में एनजीटी के निर्देश के बाद सीईटीपी से जुड़ी सभी कपड़ा इकाइयों में सख्ती से 40 प्रतिशत कार्य करने और नियंत्रित रूप प्रदूषित जल प्लांट में लिया जा रहा है. प्लांट द्वारा ZLD प्लांट में पानी उपचारित पुनः उपयोग में लिया जा रहा है.

पचपदरा: अवैध कपड़ा फैक्ट्रियों का बिछा जाल, NGT निर्देशों को अनदेखा कर फैला रही प्रदूषण

Pachpadra: बालोतरा में कुकरमुत्तों की तरह अवैध कपड़ा इकाईयों का जाल फैलता जा रहा है. अवैध इकाइयां एनजीटी के निर्देशों का खुला उल्लंघन कर स्थानीय प्रशासन को चुनौती दे रही है.

बालोतरा कपड़ा उद्योग से होने वाले जल प्रदूषण को लेकर एनजीटी पहले ही काफी नाराज है. बालोतरा में एनजीटी के निर्देश के बाद सीईटीपी से जुड़ी सभी कपड़ा इकाइयों में सख्ती से 40 प्रतिशत कार्य करने और नियंत्रित रूप प्रदूषित जल प्लांट में लिया जा रहा है. प्लांट द्वारा ZLD प्लांट में पानी उपचारित पुनः उपयोग में लिया जा रहा है.

यह भी पढे़ं- बाड़मेर: नशे में धुत चालक ने स्कूटी सवार महिलाओं पर चढ़ाई स्कॉर्पियो, फिर हुआ चमत्कार

 

इसी के विपरीत राजनीतिक संरक्षण प्राप्त सैकड़ों अवैध कपड़ा इकाइयां इन सभी निर्देश और नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं. बालोतरा में दर्जनों इलाकों में इन इकाइयों का संचालन हो रहा है लेकिन प्रदूषण नियंत्रण मंडल, नगरपरिषद द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. कभी शिकायत होने पर महज विद्युत कनेक्शन काट कर ओपचारिकता निभा दी जाती. बाद में कुछ समय बाद अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते अवैध इकाई का कनेक्शन वापस जोड़ दिया जाता है.

इन अवैध इकाइयों में कई जगह प्रदूषित पानी को निस्तारण के लिए भूमिगत ट्यूबवेल तक बना रखे हैं, जिसमें रासायनिक पानी को उंडेल भूमिगत जल भी प्रदूषित किया जा रहा है. कई जगह ऊंची चारदीवारियों से घिरे भूखंडों में बड़े-बड़े गड्ढे खोद कर प्रदूषित पानी जमा किया जाता है जिसे बाद में मौका देखकर ट्रैक्टर-टंकियों के जरिये बरसाती नालों या खेतों में खाली किया जा रहा है. नियमों के विपरीत रिहायसी इलाकों में भी चल रही अवैध फैक्ट्रियां, बालोतरा के जेरला, चतुर्थ चरण से आगे आवासीय कॉलोनियों में स्थित अवैध कपड़ा फैक्ट्रियों द्वारा कस्बे के सीवरेज के नालों में रासायनिक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे आगे कई गांवो में नाले किनारे के खेत बंजर होते जा रहे हैं.

ऐसे में नियमों के तहत कार्य करने वाली कपड़ा इकाइयों पर भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. अवैध इकाइयों द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण पर एनजीटी फटकार सीईटीपी से जुड़ी इकाइयों को झेलनी पड़ रही है. कई बार शिकायत होने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा इक्कादुक्का कार्रवाई की जाती है लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद लंबे समय तक चुप्पी साध ली जाती है. ऐसे में बालोतरा क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या हल होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. 

Trending news