सियासत के रंग....बंद कमरे में मुलाकात लेकिन जनता के बीच मूंछों पर ताव दे रहें बाडमेर के ये दो दिग्गज
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सियासत के रंग....बंद कमरे में मुलाकात लेकिन जनता के बीच मूंछों पर ताव दे रहें बाडमेर के ये दो दिग्गज

Holi 2024: होली करीब है लेकिन इसके रंग अभी से दिख रहे है. बाड़मेर जैसलमेर सीट पर भी कई रंग बिरंगे सियासत के रंग दिख रहे है, तो चलिए जानते है क्या कहता है बाड़मेर जैसलमेर सीट पर होली का रंग.

siyasat ke rang

Holi 2024: होली करीब है लेकिन इसके रंग अभी से दिख रहे है. बाड़मेर जैसलमेर सीट पर लोसकसभा चुनावों में  दो दो विरोधी ध्रुव होली पर साथ-साथ रंग लगाने की खबर है. दोनों  बाड़मेर जैसलमेर सीट पर मूंछों पर ताव दिए जा रहे हैं . मुख्यमंत्री से मुलाकात तो हो गई लेकिन साथ में फोटो नहीं खिंचवाई गई. इसके बाद रविंद्र भाटी और उनके समर्थकों का कहना है कि फोटो अब मंच पर ही खिंचवाएंगे.

रविंद्र भाटी  ने जमाई  मंत्री कैलाश चौधरी के लिए पूरी फील्डिंग
 मंत्री कैलाश चौधरी के लिए पूरी फील्डिंग जमाने की बात कर रहे रविंद्र भाटी का कहना है कि, वो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं .  गहलोत ने जिस तरह गुर्जर समाज के लोगों को पहले काल्पनिक आरक्षण दिया था. वैसे ही वह कैलाश चौधरी को नोशनल समर्पण समर्थन देना चाहते हैं.  उनका कहना है कि मेरा समर्थन मिले चाहे नहीं मिले, आप तो काल्पनिक रूप से मान कर चलो कि समर्थन मिल गया.

प्रियंका चौधरी की चाहत
उधर, बाड़मेर से जीतने वाली निर्दलीय विधायक प्रियंका चौधरी की टिकट में भले ही किसी ने रोडे अटकाए हों लेकिन अब वो खुद टिकट बांटने की स्थिति में आना चाहती है.  चौधरी के समर्थकों का कहना है कि, जिसका नाम प्रियंका हो वह तो अपने आप राष्ट्रीय नेत्री बन जाती है, फिर भले ही पार्टी कोई भी हो. होली की ठंडाई पीने के बाद प्रियंका चौधरी के समर्थकों ने अपने चुनाव कार्यालय को कैलाश चौधरी का प्रधान चुनाव कार्यालय बनाने का ऑफर भी दिया है.

इधर , उम्मेदाराम भी नागौर में कांग्रेस- आरएलपी समझौते के बाद कह रहे हैं कि उनके लिए भी समझौते में सीट छोड़ दी जाती तो बढ़िया रहता. उम्मेदाराम का मानना है कि इससे अगली बार फिर बायतू से लड़ने का विकल्प भी रहता. बहरहाल, उमेदराम हरीश चौधरी के साथ है और उनका कहना है हरीश चौधरी खुद ही स्वेच्छा से अगली बार बायतू की सीट उनके लिए छोड़ देंगे. अब यह तो तय है कि उम्मेदाराम जीते या हारे, लेकिन उनकी उम्मीद तो कायम रहेगी .

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