लोकसभा चुनाव का परिणाम 23 मई को आएगा लेकिन देश में तमाम एजेंसियों के एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनती हुई साफ नजर आ रही है.
Trending Photos
जयपुर: पिछले कई लोकसभा चुनावों से राजस्थान में यह ट्रेंड बना हुआ है कि जिसकी सत्ता होती है उसकी ज्यादा सीटें आती हैं, लेकिन इस बार यह सियासी परंपरा टूटती हुई दिखाई दे रही है. लगभग सभी एग्जिट पोल राजस्थान में कांग्रेस को 5 सीट से अधिक देते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा ने जीता था तो लोकसभा चुनाव में भी 25 सीट जीतकर क्लीन स्वीप किया था. इससे पिछली बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 25 में से 20 सीटें जीती थी.
लोकसभा चुनाव का परिणाम 23 मई को आएगा लेकिन देश में तमाम एजेंसियों के एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनती हुई साफ नजर आ रही है. राजस्थान की अगर बात करें तो यहां लगभग सभी एग्जिट पोल में भाजपा को 20 के आसपास सीटें मिलती हुई नजर आ रही है. यानी इस बार के चुनाव में अगर एग्जिट पोल का परिणाम सटीक रहता है तो पिछले कई सालों का ट्रेंड टूट जाएगा.
पिछले कुछ सालों में यहां जो पार्टी सत्ता में होती है लोकसभा में भी अपर हैंड उसी पार्टी का रहता है. लेकिन इस बार कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद भाजपा भारी बढ़त लिए हुए नजर आ रही है. राजस्थान में भाजपा ने पिछली बार 25 सीटें जीती थी ऐसे में उसे कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद अधिक नुकसान होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा। हालांकि कांग्रेस के नेता इन एग्जिट पोल को अधिक गंभीरता से लेते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.
राजस्थान में अगर पिछले 5 लोकसभा चुनाव के ट्रेंड का आकलन करें तो यह साफ हो जाता है कि सत्ताधारी दल को हमेशा यहां बढ़त हासिल हुई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान में सरकार भाजपा की थी तो लोकसभा चुनाव में उसे 25 सीटें हासिल हुई थी कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी. 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी और यहां कांग्रेस ने 20 सीटें जीती थी भाजपा के पास उस समय 4 सीटें आई थी.
जबकि 2004 के चुनाव के समय राजस्थान में भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी यहां तक बीजेपी ने किस और कांग्रेस ने 4 सीटें जीती थी.1998 के चुनाव में राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे तब यहां पर कांग्रेस को 19 और भाजपा को 5 सीटें मिली थी.
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में लाभ होता नजर नहीं आ रहा यानी स्थानीय मुद्दों पर मोदी फैक्टर हावी रहा है. कांग्रेस ने अपने 100 दिनों के कामकाज में बेहतर परफॉर्मेंस दी लेकिन उसके बावजूद मतदाताओं को रिझाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं. हालांकि अभी एग्जिट पोल है इसे अंतिम परिणाम नहीं माना जा सकता. नतीजों के लिए हमें 23 मई का इंतजार करना होगा.