आसींद: पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष ने शहीद गिरधर सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण
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आसींद: पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष ने शहीद गिरधर सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

पाटन गांव के मुख्य बस स्टैंड पर मुख्य अतिथि पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर एवं पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर की मौजूदगी में अमर शहीद गिरधर सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया गया. 

आसींद: पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष ने शहीद गिरधर सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

भीलवाड़ा: पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर ने शहीद को भगवान का दर्जा दिया.कार्यक्रम की शुरुआत ग्रामीणों एवं परिजनों के द्वारा आए हुए अतिथियों को बैंड बाजों के साथ जुलूस के माध्यम से अभिनंदन किया. जगह-जगह ग्रामीणों द्वारा पुष्प वर्षा की गई. मंचासीन अतिथियों का स्वागत अभिनंदन सरपंच व ग्रामीणों के माध्यम से किया गया. अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर ने संबोधित करते हुए बताया कि बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत संस्कार दिए जाने चाहिए. वहीं, बाजोर के द्वारा अब तक 400 शहीदों की मूर्ति लगा चुके हैं. 1100 मूर्ति लगाने का संकल्प लिए चल रहे हैं. शहीद की पत्नी का आए हुए अतिथियों द्वारा शाल ओढ़ाकर और मोमेंटो भेंटकर स्वागत अभिनंदन किया गया.

जिला सैनिक बोर्ड के कर्नल उदय सिंह सोलंकी ने संबोधित करते हुए कहा कि 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शहीद गिरधर सिंह ने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाते हुए शहीद हुए तथा देश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. आर्मी बटालियन के द्वारा शहीदों को 21 सैनिकों के द्वारा सलामी दी गई कृष्णा पब्लिक स्कूल के बच्चों के द्वारा देश भक्ति प्रस्तुति दी गई. मंच पर वीरांगनाओं तथा उनके परिजनों का भी सम्मान किया गया. प्रेम सिंह बाजोर को जिला सॉफ्टबॉल संघ अध्यक्ष देवीलाल साहू ने देवनारायण भगवान की तस्वीर भेंट. शहीद गिरधर सिंह की पौत्री एनसीसी कैडेट पूजा कंवर भाटी ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया.

अमर शहीद गिरधर सिंह का जीवन परिचय

शहीद गिरधर सिंह का जन्म 18 मई 1951 को भीलवाड़ा जिले की बदनोर क्षेत्र के पाटन गांव में हुआ. वहीं इनके पिता का नाम नारायण सिंह भाटी माता का नाम जतन कंवर था. यह चार भाई बहनों में सबसे बड़े थे. हायर सेकेंडरी स्कूल आसींद में पढ़ाई के समय सैनिक बोर्ड की तरफ से आयोजित कैंप में निशानेबाजी में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसी क्रम में देश सेवा की भावना से प्रेरित होकर सेना में भर्ती होने के लिए अजमेर गए जहां दिनांक 18 मई 1971 को चयन होकर राजपूताना राइफल में आरएफएन की रैंक मिल गई.

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शहादत के समय गिरधर सिंह को दो पुत्र 

1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तंगधार क्षेत्र में शीशारटी पोस्ट पर ड्यूटी ज्वाइन की वहां पर पाकिस्तानी सेना पर आक्रमण करने के लिए चलाए गए ऑपरेशन कैक्टस लीली के दौरान 9 दिसंबर 1971 को मातृभूमि के लिए लड़ते हुए युद्ध में शहीद हो गए. शहीद के 2 पुत्र हैं शहादत के समय बड़े पुत्र भंवर सिंह की उम्र डेढ़ वर्ष एवं छोटे पुत्र किशन सिंह की उम्र मात्र 10 दिन थी.

युवाओं से देश प्रेम की भावना रखने की अपील

पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष ने गांव की राजकीय विद्यालय का नाम शहीद के नामकरण करवाने की अपील की तथा शहीदों के प्रति देश प्रेम की भावना रखने का युवाओं से आह्वान किया. कार्यक्रम का मंच संचालन तेजवीर सिंह चुंडावत के द्वारा किया गया पंजाब के पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह,सांसद सुभाष बहेडिया,पूर्व जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाडा,पूर्व विधायक रामलाल गुर्जर,विधायक जबर सिंह सांखला,जिला सैनिक बोर्ड के कर्नल उदय सिंह सोलंकी,कर्नल आशुतोष शुक्ला,लेफ्टिनेंट तेजेंद्र शर्मा, अविजीत सिंह बदनोर,भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत,पाटन सरपंच निधि जायसवाल,चैयरमेन देवीलाल साहू, हुरड़ा प्रधान कृष्णा सिंह,आदि के द्वारा पुष्प अर्पित किए गए.

Reporter- Dilshad khan

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