असींद: शिक्षकों की कमी से जूझ रहा तहसील के बाद सर्वाधिक नामांकन वाला यह गांव
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असींद: शिक्षकों की कमी से जूझ रहा तहसील के बाद सर्वाधिक नामांकन वाला यह गांव

बरसनी की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आसींद स्कूल के बाद नामांकन में दूसरा स्थान पर आता है. फिर भी यहां अध्यापकों की गणपूर्ति न हो पाने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में जूझ रहा है. वर्तमान में द्वितीय श्रेणी के 3 अध्यापकों के पद रिक्त हैं, जिसमें विज्ञान, गणित, संस्कृत के पद रिक्त हैं. वहीं, लेवल फर्स्ट में एक पद तो लेवल सेकेंड में 2 पद रिक्त पड़े हैं. 

असींद: शिक्षकों की कमी से जूझ रहा तहसील के बाद सर्वाधिक नामांकन वाला यह गांव

Asind: आसींद के बरसनी गांव के स्कूलों में यदि छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा कार्य को पूरा करना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. आसींद तहसील की बरसनी ग्राम पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में लंबे समय से ही शिक्षकों की कमी चल रही है और अभी हाल ही में हुए स्थानांतरण में एक और पद खाली हो गया है. 

बरसनी की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आसींद स्कूल के बाद नामांकन में दूसरा स्थान पर आता है. फिर भी यहां अध्यापकों की गणपूर्ति न हो पाने के कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में जूझ रहा है. वर्तमान में द्वितीय श्रेणी के 3 अध्यापकों के पद रिक्त हैं, जिसमें विज्ञान, गणित, संस्कृत के पद रिक्त हैं. वहीं, लेवल फर्स्ट में एक पद तो लेवल सेकेंड में 2 पद रिक्त पड़े हैं. 

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10 माह से प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त ही चल रहा
वर्तमान में विद्यालय का नामांकन 860 के लगभग है, जो कि आसींद के बाद बरसनी गांव में सर्वाधिक है. ऐसे में अब बच्चों का अध्ययन कैसे हो सकता है. वहीं, पिछले 10 माह से प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त ही चल रहा है. कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्रवण लाल खटीक ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे PO क्षेत्र के विद्यालयो के नामांकन को मिलाया जाए तो लगभग 2 हजार से भी ज्यादा का नामांकन हैं. विद्यालय में अध्ययनरत 60% बालिकाएं हैं. बालिका विद्यालय अलग से खुलवाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भिजवाया गया है ताकि अलग से बालिका विद्यालय होने से सुगम अध्यापन कार्य हो सके.

क्या है ग्रामवासियों की मांग
शिक्षा के क्षेत्र में ग्रामवासियों की लंबे समय से मांग है कि विद्यालय में चल रहे रिक्त पद जल्द भरे जाएं ताकि उनके नौनिहाल अच्छे से पढ़ लिख सकें.

विद्यालय के अध्यापक लगाते हैं झाड़ू और घंटा 
विद्यालय में 2 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, जो कि पिछले कई वर्षों से रिक्त चल रहे हैं. अब विद्यालय में साफ सफाई विद्यालय में घंटी लगाने जैसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सभी कार्य विद्यालय के अध्यापकों द्वारा ही किए जा रहे हैं.

दूसरे संकाय के अध्ययन हेतु विद्यालय स्तर पर दे चुके कई बार प्रस्ताव 
कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सहित पूरे PO क्षेत्र के नामांकन को देखते हुए यहां के छात्र-छात्राओं की मांगों को देखते हुए कृषि संकाय खुलवाने के लिए एसडीएमसी द्वारा प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भिजवाया गया मगर विभाग द्वारा अभी भी विद्यालय में दूसरा संकाय नहीं खोला गया. अब बच्चों को दूसरे संकाय के अध्यापन हेतु तहसील मुख्यालय आसींद तक जाना पड़ रहा है.

विद्यालय के श्रवण लाल खटीक कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय में चल रहे रिक्त पदों के लिए और छात्र छात्राओं की मांग को दृष्टिगत रखते हुए कृषि संकाय खुलवाने हेतु प्रस्ताव रजिस्टर में प्रस्ताव लेकर विभाग को भिजवा दिया गया है. तो वही वर्दी चंद रेगर ने विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर बच्चों के भविष्य पर गहरा प्रभाव व अध्यापक ना होने के कारण बच्चे में पढ़ाई का स्तर कमजोर होने की बात कही वही मीडिया के माध्यम से पदों को भरने की मांग की.

Reporter- Dilshad Khan

 

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