भीषण गर्मी पड़ने और तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से बैंगन, टमाटर, भिंडी, ककड़ी, फूल और बंदगोभी, लौकी, खीरा, उड़द-मूंग आदि फसलें प्रभावित होने लगी हैं. उड़द और मूंग की फ़सलों में फूल और फलियां बहुत कम आ रही है
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Mandalgarh : राजस्थान में भीलवाड़ा के मांडलगढ़ क्षेत्र में भीषण गर्मी के चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है. वहीं आसमान से बरसती आग की तपन से सब्जी और दलहन की फसलें झुलस रही हैं. इससे मौसमी सब्जियों की कीमतों में तेजी आने लगी है. तेज धूप के कारण खेतों में लगी हरि सब्जी,दलहन और अन्य फलों की फसलें बर्बाद हो रही है. जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा हैं.
मांडलगढ़ उपखण्ड के एक ग्रामीण किसान छोटूलाल माली ने बताया कि अप्रैल माह से लगातार तेज गर्मी से जायद की फ़सलो में नुकसान हो रहा है. सब्जियों की फसलों में झुलसन और अन्य रोग से उपज खत्म हो गई है. उड़द-मूंग में भी फलियां नहीं आने की समस्या बनी हुई है. गर्मी से किसानों को फसल को बचाने खूब मेहनत करनी पड़ रही है. फसल में कीट का प्रकोप भी हो रहा है. कीटनाशकों छिड़काव में किसानों की मोटी रकम खर्च हो रही है. सिंचाई के लिए भी खूब मशक्कत करनी पड़ रही है.
भीषण गर्मी पड़ने और तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से बैंगन, टमाटर, भिंडी, ककड़ी, फूल और बंदगोभी, लौकी, खीरा, उड़द-मूंग आदि फसलें प्रभावित होने लगी हैं. उड़द और मूंग की फ़सलों में फूल और फलियां बहुत कम आ रही है. बगीचों में सर्दी के मौसम के संतरों के छोटे फल आ रहे थे. तेज गर्मी की वजह से संतरों के फल टूट कर गिरने की समस्या बन गई.
सहायक कृषि अधिकारी प्रेमचंद सुखवाल ने बताया कि तेज गर्मी से फसलें प्रभावित हुई है. जायद की फ़सलो में भी फलियां नहीं आने की समस्या बनी है. गर्मी से फसलें झुलसने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. बगीचों में फलों के गिरने की समस्या सामने आई है. फिर भी किसानों स्थानीय स्तर पर उपचार के उपाय बताए जा रहे हैं.
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