सिंगल यूज प्लास्टिक बैन: 65 किलो प्लास्टिक की थैलियां जब्त, 32 हजार रुपये का जुर्माना
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सिंगल यूज प्लास्टिक बैन: 65 किलो प्लास्टिक की थैलियां जब्त, 32 हजार रुपये का जुर्माना

1 जुलाई से देश भर ने पूर्ण रूप से बैन की गई सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ नगर परिषद ने सोमवार को अभियान की शुरुआत करते हुए प्लास्टिक विक्रय करते दो दुकानदारों के यहां छापेमारी करते हुए 65 किलो प्लास्टिक की थैलियां जब्त की हैं. दोनों पर 32 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

सिंगल यूज प्लास्टिक बैन: 65 किलो प्लास्टिक की थैलियां जब्त, 32 हजार रुपये का जुर्माना

भीलवाड़ा:1 जुलाई से देश भर ने पूर्ण रूप से बैन की गई सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ नगर परिषद ने सोमवार को अभियान की शुरुआत करते हुए प्लास्टिक विक्रय करते दो दुकानदारों के यहां छापेमारी करते हुए 65 किलो प्लास्टिक की थैलियां जब्त की हैं. दोनों पर 32 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इस कार्यवाही से प्लास्टिक की थैलियों का कारोबार करने वाले व्यापारियों में हड़कंप मच गया है.

जानकारी के अनुसार, नगर परिषद के दस्ते ने आज सुबह छीपा बिल्डिंग के नजदीक नागौरी प्लास्टिक पर छापा मारा जहां 40 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियां मिलीं. परिषद के अधिशासी अभियंता अखेराम बगड़ोदिया ने 11 हजार रुपए का जुर्माना किया. बाद में यह टीम इंदिरा मार्केट पहुंची जहां ब्यावर वाले हलवाई के सामने वर्धमान प्लास्टिक की तलाशी लेने पर वहां 25 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक की थैलियां मिली, परिषद की टीम ने थैलियां जब्त कर दुकानदार पर 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. नगर परिषद की इस कार्यवाही से प्लास्टिक की थैलियों का कारोबार करने वाले अन्य व्यापारियों में हड़कंप मचा गया है.

1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन

 बता दे की सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से पूरी तरह रोक लगा दी गई. कोई सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग में लेगा तो उसके विरुद्ध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कार्रवाई होगी. इसमें जब्ती करने से लेकर प्रतिष्ठान पर कार्रवाई किया जाना है. हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था ना होने के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. प्रतिबंध से जहां महंगाई बढ़ेगी वहीं लघु उद्योगाें में भी इसका सीधा असर पड़ने वाला है. शहर में लगभग आधा दर्जन प्लास्टिक के थोक विक्रेता हैं. नगर परिषद कुछ चिन्हित प्लास्टिक विक्रेेताओं पर समझाइश व चलानी कार्रवाई कर देती है, जबकि शहर में थोक विक्रेताओं के अलावा भी किराना व अन्य दुकानो से भी प्लास्टिक विक्रय किया जाता है. सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए 1 जुलाई से पहले प्रदूषण विभाग को जागरुकता कार्यक्रम चलाना था, लेकिन शहर में कोई कार्यक्रम नहीं किए गए है.

स्वच्छता अभियान के तहत शहर में बार-बार जागरुकता और पॉलीथिन जब्ती अभियान चलाते है, लेकिन इनका कोई असर होता नजर नहीं आता. शहर में रोजाना हजारों टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है. 1 जुलाई से से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के नियम 4.2 के अनुसार पॉलीस्टाइरिंग के उत्पाद, इंपोर्ट, स्टॉकिंग, वितरण एवं बिक्री व उपयोग पर रोक लग गई है. जिसमें प्लास्टिक वाले ईयरबड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम की डंडियां, पॉलीस्टाइन थर्मोकॉल की सजावटी सामग्री, सिंगल यूज के लिए प्लास्टिक से बने प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, जैसे कटलरी, मिठाई के डिब्बों को लपेटने-पैक करने वाली फिल्में, सिगरेट पैकेट को पैक करने वाली फिल्में, 100 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक, पीवीसी बैनर आदि शामिल हैं. प्लास्टिक का विक्रय करने वाले व्यापारियों का कहना है कि दुकानों पर तो कार्रवाई की जाती है, लेकिन कुरकुरे, शैंपू पाउच, तेल, टोस, बिस्किट तो मल्टी लेयर प्लास्टिक पैकिंग में बिक रहे है, उस पर ध्यान नहीं है. जबकि ये प्लास्टिक तो पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा घातक है. इस पर कार्रवाई भी नहीं होती है, क्योंकि इन्हें बनाने वाली बड़ी कंपनियां तो हैं, यदि सरकार पॉलीथिन के उत्पादन पर ही रोक लगा दें तो बैन प्रभावी हो सकता है.

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