Bikaner News: कछुआ गति से चल रहा लालगढ़ रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, 7 साल में भी नहीं हो पाया पूरा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2336881

Bikaner News: कछुआ गति से चल रहा लालगढ़ रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, 7 साल में भी नहीं हो पाया पूरा

Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित लालगढ़ रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य कछुआ चाल से भी धीमा हो रहा है. 7 साल होने के बाद भी अभी तक ओवरब्रिज काम पूरा नहीं हो पाया है, जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. 

Lalgarh Railway Over Bridge

Rajasthan News: बीकानेर कहने को तो सम्भाग मुख्यालय और राज्य का तीसरा बड़ा शहर है, लेकिन बात जब विकास की आती है तो ये साढ़े पाँच सौ साल पुराना शहर कई छोटे शहरों के मुक़ाबले में भी पिछड़ा नज़र आता है. यहां के लिए कोई बड़ी घोषणा होती ही नहीं और अगर हो भी जाए तो उसका पूरा होना बीरबल की खिचड़ी की तरह होता है जो कभी नहीं पकती. बीकानेर के लालगढ़ रेलवे क्रॉसिंग पर सन 2017 से निर्माणाधीन ओवर ब्रिज इसकी जीती-जागती मिसाल है जो पिछले सात साल से पूरा नहीं हो सका. 

2017 में शुरू हुआ था ब्रिज का निर्माण कार्य
बीकानेर शहर का लालगढ़ रेलवे स्टेशन से दिन में सैंकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं. स्टेशन के प्लेटफॉर्म्स के ख़त्म होते ही रेलवे क्रॉसिंग बना हुआ है, जहां से रोज़ाना हज़ारों लोगों का गुज़रना होता है. इस क्रॉसिंग के फाटक दिन में सैकड़ों बार बन्द होते हैं. अपने ज़रूरी काम के लिए जाने वाले हज़ारों लोग फाटक खुलने के इन्तेज़ार में खड़े रहते हैं. आम-अवाम की इसी परेशानी के मद्देनज़र सन 2017 में वसुन्धरा राजे सरकार के कार्यकाल में यहाँ ओवर ब्रिज निर्माण को मन्ज़ूरी दी गई. निर्माण शुरू हुआ, लेकिन आज तक ये पुल निर्माणाधीन ही रहा. अवाम के लिए आज तक ये सपना ही बना हुआ है. सन 2017 में इस ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ, तब से लेकर अब तक एक पीढ़ी किशोरावस्था से युवावस्था में पहुँच चुकी है. लेकिन ये पुल अपनी ज़िन्दगी शुरू नहीं कर पाया है. उस वक़्त भी बन्द फाटक के आगे लम्बा इन्तेज़ार करना करना पड़ता था और आज भी वो ही हाल है. 

राजनीतिक दांव-पेचों का हो रहा है शिकार
लालगढ़ रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहा ओवरब्रिज पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे के कार्यकाल में बनना शुरू हो गया था. इसके बाद अशोक गहलोत सरकार आई, पुल निर्माण का काम रुका और गहलोत सरकार पांच साल पूरे कर गई. ओवरब्रिज एक रबर बैंड की तरह हो गया जो खींचते ही गया. कभी कोई क़ानूनी अड़चन, तो कभी ठेकेदार का काम रोक देना या कभी बजट कम पड़ जाना ये तमाम दिक़्क़तें इसे पूरा होने से रोकती आई हैं. अब हाल ये है कि कोई भी इसके निर्माण की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. बीकानेर ज़िला कलेक्टर नम्रता वृष्णि बताती हैं कि उन्होंने इसे बनाने वाली एजेन्सी आरएसआरडीसी से सम्पर्क किया तो उन्होंने इस मुद्दे को कोई ख़ास तवज्जो नहीं दी. वहीं, रेलवे का कहना है कि उनका काम आधे वित्तीय प्रबंधन और सुपरविजन का है. इसके लिए वो तैयार है

बीकानेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें हैं. सात में छह सीटों पर भाजपा के विधायक हैं. हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश का बजट पेश किया था. मगर इन सभी विधायकों में से किसी ने सरकार, प्रशासन या सम्बन्धित एजेन्सी से लालगढ़ रेलवे ओवरब्रिज के बारे में सवाल करना मुनासिब नहीं समझा. 2017 में मन्ज़ूर ओवरब्रिज का आज तक पूरा नहीं हो पाना काँग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियों की मंशा को दर्शाता है. 

ये भी पढ़ें- बीजेपी के कई बड़े नामों को पछाड़ कर किरोड़ी लाल मीणा अब बन सकते है प्रदेशाध्यक्ष!

Trending news