बीकानेर :देवरानी और जेठानी ने साथ मिलकर शुरू किया बिजनेस, वेस्ट चीजों से बना रही बेस्ट प्रोडक्ट
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बीकानेर :देवरानी और जेठानी ने साथ मिलकर शुरू किया बिजनेस, वेस्ट चीजों से बना रही बेस्ट प्रोडक्ट

Bikaner news: अकसर घरों में देवरानी और जेठानी के बीच अनबन देखने को मिलती है.  बीकानेर की नीलम भार्गव और गरिमा भार्गव की.ये दोनों रिश्ते में देवरानी और जेठानी है.यह सगी बहनों की तरह एक साथ रहती है.इन दोनों ने साथ मिलकर अपना फैमिली बिजनेस शुरू किया है.

बीकानेर :देवरानी और जेठानी ने साथ मिलकर शुरू किया बिजनेस, वेस्ट चीजों से बना रही बेस्ट प्रोडक्ट

Bikaner news: अकसर घरों में देवरानी और जेठानी के बीच अनबन देखने को मिलती है. ज्यादातर उन्हें लड़ते-झगड़ते देखा जाता है.लेकिन बीकानेर की देवरानी और जेठानी ने इस कथन से हटकर कुछ अलग कर दिखाया है. 

यह बात है बीकानेर की नीलम भार्गव और गरिमा भार्गव की.ये दोनों रिश्ते में देवरानी और जेठानी है.यह सगी बहनों की तरह एक साथ रहती है.इन दोनों ने साथ मिलकर अपना फैमिली बिजनेस शुरू किया है.जिसे ये अपने परिवार के साथ- साथ खुद भी आत्मनिर्भर बन रही है.ये अपने बिजनेस से काफी अच्छा मुनाफा भी कमा रही है.इनके आइटम की अब काफी डिमांड भी है.

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दोनों ज्वाइंट फैमिली में रहती है

नीलम भार्गव और गरिमा भार्गव बताती है कि वे करीब पांच से छह माह से काम कर रहे है.ये  वेस्ट चीजों का उपयोग करके नई नई प्रोडक्ट तैयार कर रहे है.इनके प्रोडकट में  रंगोली, बांदरमाला, एक्रेलिक सहित कई चीजें सामिस है और ये सभी चीजें वे अपने हाथों से बनाती है.इन चीजों का 200 से 2 हजार रुपए तक मिलते है.ये दोनों  ज्वाइंट फैमिली में रहती है. देवरानी और जेठानी मिलकर काम करती है.

नीलम का कहना है की वे कोई भी चीजें बनाती है तो देवरानी की सलाह और घर के अन्य सदस्य से राय लेकर बनाते है.इनके बिजनेस में  पूरा परिवार सपोर्ट करता है और कई बार उनके परिवार के सदस्य भी काम करते है.पहले वे अपने घर का काम निपटाकर दोनों साथ मिलकर दोपहर और रात के समय काम करते है. कई बार तो जब भी समय मिलता है तब काम करना शुरू कर देते है.

बच्चों की स्कूलों में प्रोजेक्ट से आया आईडिया 
देवरानी और जेठानी बताया की वे पहले  बच्चों की स्कूलों में प्रोजेक्ट होते थे,तो वे इन वेस्ट चीजों से प्रोजेक्ट बनाते थे.अच्छे प्रोजेक्ट होने के कारण स्कूल के टीचर भी नए नए चीजों को बनाने के लिए ऑर्डर देने लगे.जिसके बाद आस-पास के लोगों ने भी हाथों से चीजों का आर्डर देने लगे और कुछ समय बाद सभी के लिए हाथों से बनी चीजे बनाने लगे.

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