राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना को लग रहा पलीता, बिना ट्रायल के ही बना दी टीमें
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राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना को लग रहा पलीता, बिना ट्रायल के ही बना दी टीमें

सादुलशहर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खाट सजवार में ग्रामीण ओलंपिक खेलों में बिना ट्रायल के ही टीमें बना दी गयी और प्रतिभावान खिलाड़ी मन-मसोस कर रह गए है.

बिना ट्रायल के ही बना दी टीमें

SriGangaNagar: प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) खेलो को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और नयी-नयी योजनाओं के माध्यम से खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे है लेकिन स्थानीय स्तर पर लापरवाह नौकरशाही इन योजनाओं का बंटा-धार करने में लगी हुई है. सादुलशहर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खाट सजवार में ग्रामीण ओलंपिक खेलों में बिना ट्रायल के ही टीमें बना दी गयी और प्रतिभावान खिलाड़ी मन-मसोस कर रह गए है. यही नहीं अब जिम्मेदार एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ने में लगे हुए है और वंचित रहा एक खिलाड़ी तो ऐसा है जो राज्य स्तर पर दो बार खेल चुका है और उसे टीम में इसलिए नहीं लिया गया क्योंकि उसकी हाइट छोटी है. समझ से परे है कि यदि हाइट छोटी है तो वह राज्य स्तर पर कैसे खेल गया.

क्या है ग्रामीण ओलंपिक
राज्य सरकार की ओर से प्रतिभावान खिलाड़ियों को तराशने के लिए और उन्हें आगे लाने के लिए ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन गांव, ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर पर करने की योजना बनाई गई है. ग्रामीण ओलंपिक खेल दो फेज में आयोजित होने है. पहले फेज में ग्राम पंचायतस्तरीय खेल प्रतियोगिताएं होनी थी जबकि फरवरी महीने में दूसरे चरण में ब्लॉकस्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. ग्रामीण ओलंपिक खेलों में कबड्डी, शूटिंग बॉल, टेनिस बॉल क्रिकेट, खो-खो, वॉलीबॉल और हॉकी शामिल है. खेलों में भाग लेने वाले लोगों की उम्र भी 15 साल से 70 साल के बीच हो सकती है. खेलों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हो रहे इन खेलों को लेकर टारगेट है कि आने वाले ओलंपिक और एशियाई खेलों में राजस्थान के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले सके.

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बिना ट्रायल के ही चुन लिए खिलाड़ी
ग्राम पंचायत खाट सजवार के एक दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी पंचायत समिति और एसडीएम आफिस पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर टीम चुनने के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई. जिसमे सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, प्रधानाचार्य, शारीरिक शिक्षक और पटवारी शामिल है. वॉलीबॉल के लिए गांव के 98 खिलाड़ियों ने ऑनलाइन पंजीकरण भी किया लेकिन इन 98 खिलाड़ियों को ना तो ट्रायल में बुलाया गया और ना ही कोई सूचना दी गयी. सीधा आठ खिलाड़ियों की टीम चुन ली गयी. इन खिलाड़ियों ने बताया कि राज्य सरकार की इस योजना में कोई ट्रायल ही नहीं लिया गया बल्कि सीधा ही टीम चुन ली गयी है.

चयन प्रकिया में धांधलेबाजी के आरोप
पीटीआई शंकरलाल (PTI Shankarlal) ने कहा कि चंद्रभान नाम के खिलाड़ी की हाइट कम थी इसलिए उसे नहीं चुना गया जबकि हैरानी की बात यह है कि चंद्रभान दो बार स्टेट और कई बार जिला स्तर पर खेल चुका है. खिलाड़ियों ने कहा कि वॉलीबॉल में हाइट का कोई मुद्दा नहीं होता. चयन प्रकिया में जमकर धांधलेबाजी की गयी है. वहीं एक खिलाड़ी ने बताया कि उसका चयन क्रिकेट की टीम में हो गया है जबकि कोई ट्रायल हुआ ही नहीं है. टीमों का चयन करने के लिए पंचायत समिति से निर्देश प्राप्त हुए थे कि जिन खिलाड़ियों का पंजीकरण हुआ है उनकी सूची शाला में पहुंचा दी जाए और सूची मैंने दस पंद्रह दिन पहले शाला में पहुंचा दी थी. 22 दिसम्बर को पंचायत समिति से टीमों की सूची 24 दिसम्बर तक अपलोड करने का निर्देश प्राप्त हुआ तो मैं शाला में गया तो गुरुजी ने कहा कि पीटीआई साहब खिलाड़ी चुन रहे है जल्दी ही सूची उपलब्ध करवा दी जाएगी. 

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ये सच है कि बिना प्रतियोगिता के ही खिलाड़ी चुन लिए गए. पीटीआई साहब ने सूची देते हुए कहा कि ये बच्चे खेलते है और उसी के आधार पर ही टीम की सूची अपलोड कर दी गयी है. मैंने पीटीआई और ग्राम विकास अधिकारी को नियमानुसार टीम चुनने के निर्देश दिए थे और यदि बिना ट्रायल के टीम चुनी गयी है तो यह गलत है. मैंने चुनी गयी किसी भी टीम के कागज पर साइन नहीं किए है और ना ही मुझे इसके बारे में सूचना है. टीम की सूची ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से ऑनलाइन की जानी थी और यदि उन्होंने कर दी है तो मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं अर्धवार्षिक परीक्षा में बीजी था. ग्राम पंचायत खाट सजवार के खिलाड़ियों ने आज एक ज्ञापन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवाई है. इस मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी.

अब सवाल यह है कि यदि टीम बिना ट्रायल के अपने हिसाब से ही बनानी थी तो राज्य सरकार को इस योजना को लाने की आवश्यकता ही नहीं थी. अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इस और कोई कदम उठाता है या नहीं और वंचित रहे खिलाड़ियों को कोई राहत मिल पाएगी या नहीं.

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