Suratgarh: पहली बार 23 फरवरी को साधारण बजट के साथ पेश होगा कृषि बजट, कुछ अच्छा मिलने की है आस
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Suratgarh: पहली बार 23 फरवरी को साधारण बजट के साथ पेश होगा कृषि बजट, कुछ अच्छा मिलने की है आस

राज्य सरकार पहली बार विधानसभा में 23 फरवरी को कृषि बजट जारी करने जा रही है. जीबी क्षेत्र के किसानों को आस है कि पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट में श्रीगंगानगर जिले को अनेक सौगात मिलेंगी. 

साधारण बजट के साथ पेश होगा कृषि बजट

Suratgarh: राज्य सरकार पहली बार विधानसभा में 23 फरवरी को कृषि बजट जारी करने जा रही है. जीबी क्षेत्र के किसानों को आस है कि पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट में श्रीगंगानगर जिले को अनेक सौगात मिलेंगी. वहीं जीबी क्षेत्र के किसान पहली बार पेश होने वाले राज्य कृषि बजट का बेसब्री से इंतजार कर रहे है. जीबी क्षेत्र के किसानों ने बताया कि हर बार के बजट में उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता लेकिन इस बार अलग से आ रहे कृषि बजट से उनकी उम्मीदें बढ़ गई है. 

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गांव 4 जीबी के किसान कुलदीप सिंह रंधावा ने बताया कि राज्य सरकार के कृषि बजट में इस बार जीबी क्षेत्र की जीवनदायिनी गंगनहर के पानी का रेगयूलेशन डिजिटलाइजेशन रूप से करने की घोषणा हो तो ठीक रहेगा. वहीं पानी की पर्याप्तता, रेगयूलेशन, पानी की कमी, वितरिकाओं में पानी की स्थिति की जानकारी जीबी क्षेत्र के हर किसान तक ऑनलाइन पहुंचने की व्यवस्था बनाई जाए. जीबी क्षेत्र में कभी 25% गन्ना उत्पादन क्षेत्र था. आज यह 5% तक ही रह गया है. गन्ना उत्पादकों के लिए अतिरिक्त पानी की व्यवस्था की जाएं जिससे जीबी क्षेत्र में गन्ने का पुनः उत्पादन बढ़ाया जा सके. 

जल उपभोक्ता संगम के अध्यक्ष दलजीत सिंह रंधावा ने बताया कि गंगनहर की करणी जी वितरिका की आरडी 34 और 35 के बीच साइफन को दुबारा तैयार किया जाए. इस स्थान पर नई स्लैब बने और पिल्लरों को हटाया जाए. इस स्थान पर हर बार नहर में कैल्ली आने से नहर टूटने का खतरा बना रहता है और अनेक बार केल्ली के कारण वितरिका टूट भी गई थी. वहीं उन्होंने बताया कि घग्घर नदी के नाली बैड में बरसात के दिनों में पानी छोड़ते समय 5000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाए जिससे पानी जीबी क्षेत्र के अंतिम गांव और शहर अनूपगढ़ तक पहुंच जाए. अनूपगढ़ के किसान हर बार घग्घर के पानी से वंचित रह जाते है. 

भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कृषि बजट में जीबी क्षेत्र जो धान उत्पादक क्षेत्र है उस ओर भी ध्यान दिया जाए. परमल और वनास्पति चावल की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए जैतसर, श्रीविजयनगर, रामसिंहपुर और अनूपगढ़ में सेंटर घोषित किए जाएं. वहीं धान के लिए सिलर और मिल स्थापित करने के लिए व्यापारियों को अनुदान दिया जाए. घग्घर नदी के पानी किसानों को मिले इसके लिए लिंक चैनल दौलताबाद क्षेत्र में बनाया गया है और उसमें सुधार किया जाए जिससे जीबी क्षेत्र के किसान घग्घर नदी के पानी से अधिक लाभान्वित हो सके. 

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प्रगतिशील किसान गगन विडिंग ने बताया कि जीबी क्षेत्र में बागवानी को बढ़ावा दिया जाए. बाग लगाने के लिए सरकार अनुदान राशि को बढ़ाएं और जीबी क्षेत्र की मृदा बागवानी के लिए उपयुक्त है और मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रेट प्रचुर मात्रा में है. जीबी क्षेत्र में बागवानी किसानों की आमदनी बढ़ाने का जरिया बन सकता है. पूर्व प्रधान और किसान हरिराम मेघवाल ने बताया कि वर्ष 1991 में तत्कालीन राज्य सरकार ने बागवानी को बढ़ावा देने और ड्रिप इरिगेशन के लिए फाइले मांगी गई थी लेकिन उन फाइलों पर अभी तक गौर नहीं किया गया है. कृषि बजट में उन फाइलों पर गौर करते हुए किसानों को बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली की और जोड़ने का प्रयास किया जाए. 

गांव 3 जीबी के किसान राजवीर सिंह बिट्टू ने बताया कि एमएसडी, एसएडी, एलसी, जेएसडी, बीजीडी, बीएलडी क्षेत्रों में भी सिंचित भूमि में औषधीय पौधों को लगाने के लिए सरकार योजना बनाएं. अनुदान देते हुए किसानों को औषधीय पौधों को लगाने के लिए प्रेरित करे. वहीं किसान हरदीप सिंह, राजवीर सिंह , परमजीत सिंह, दुर्गा राम, नागौर सिंह, मदन गोदारा ने राज्य सरकार द्वारा पहली बार पेश होने वाले कृषि बजट को लेकर कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाओं की बात कही है.

Report: Kuldeep Goyal

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