Churu latest news: राजस्थान के चुरू जिले में गांव सहनाली छोटी में साल 2022 में अपने डेड वर्षीय मासूम भतीजे को दीवार से टकरा कर हत्या करने के आरोपी चाचा को शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास व 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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Churu news: राजस्थान के चुरू जिले में गांव सहनाली छोटी में साल 2022 में अपने डेड वर्षीय मासूम भतीजे को दीवार से टकरा कर हत्या करने के आरोपी चाचा को शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास व 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.आरोपी को न्यायालय ने सबूत मिटाने के आरोप में भी सात वर्ष के कारावास व 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.मामले में 15 गवाहों के बयान व साक्ष्य के आधार पर यह फैसला सुनाया गया.
लोक अभियोजक काशीराम शर्मा ने बताया कि जिला सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार ने वर्ष 2022 में रतननगर थाना इलाके के गांव सहनाली छोटी निवासी सांवरमल जाट को अपने डेड वर्षीय भतीजे हर्षित की हत्या के आरोप में सजा सुनाई है.उन्होंने बताया कि गांव सहनाली के ग्रामीणों ने जरिए डाक के तत्कालीन एसपी को घटना की सूचना दी.इसके बाद एसपी की दखल के बाद रतननगर थाने में 28 फरवरी 2022 को हत्या के मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई. रिपोर्ट में लिखा था कि गांव की गीतादेवी बेवा गंगाराम जाट 24 फरवरी की रात्रि में करीब नौ बजे रोते हुए अपने बेटे हर्षित को गोद में लेकर पडोसी अजय जांगिड़ के घर पहुंची.उस समय हर्षित पानी में भीगा हुआ था और उसके मुंह से खून बह रहा था.
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उसने बताया कि उसका देवर सांवरमल उसके बेटे को डूबो कर मारना चाहता है.वह उसे बचाकर लाई है. पड़ोसी ने गीतादेवी को उस समय समझाइस कर वापिस घर भेज दिया. दूसरे दिन सुबह गीता का आठ साल का बेटा विकास व छह साल की बेटी पूजा रोते हुए पड़ोसी के घर आए व बताया कि चाचा ने उनके भाई हर्षित को दीवार पर पटक पटक कर मार दिया. हत्या के बाद आरोपी सांवरमल ने मृतक हर्षित का शव गांव बीनासर ले गया व गांव के श्मशान में दफना दिया. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस गीतादेवी के घर पहुंची. जहां दीवारें खून से सनी थी. इसके बाद पुलिस ने तत्कालीन चूरू एसडीएम से मृतक हर्षित का शव निकलवाने की अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया.
एसडीएम की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद मृतक का शव निकलवा कर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया. इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया. लोक अभियोजक के मुताबिक आरोपी सांवरमल के बड़े भाई गंगाराम की कुछ समय पहले मौत हो गई थी.भाई की मौत के बाद उसके परिवार की जिम्मेदारी आरोपी के कंधों पर आ गई. मृतक हर्षित जन्म के बाद से ही लगातार बीमार रहता था. इससे परेशान होकर आरोपी ने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई.
आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
हर्षित को आरोपी ने पहले तो पानी में डूबोया पर व नहीं मरा.इसके बाद उसे घर में स्थित एक दीवार से टकराकर मार डाला.हत्या के प्रकरण में पुलिस की ओर से कुल 15 गवाहों सहित वजह सबूत न्यायालय में पेश किए गए.न्यायालय ने मृतक के 7 वर्षीय भाई विकास की गवाही को आधार मानते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.न्यायालय की ओर से आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी सांवर मल के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी.