दौसा: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, हर्षोल्लास से मनाया जा रहा त्यौहार
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दौसा: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, हर्षोल्लास से मनाया जा रहा त्यौहार

दौसा जिले में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर गिरिराज धरण मंदिर गोविंद देव जी मंदिर और स्वामीनारायण मंदिर में मनमोहक झांकियां सजाई गई है. 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम

Dausa: दौसा जिले में श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. वहीं मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण ओर राधागोबिंद और श्रीनाथजी की भव्य झांकियां सजाई गई है. दौसा जिला मुख्यालय की बात करें तो गिरिराज धरण मंदिर गोविंद देव जी मंदिर और स्वामीनारायण मंदिर में मनमोहक झांकियां सजाई गई है. झांकियों के श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए खोल दिए गए हैं, जहां श्रद्धालु दर्शन करने बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं.

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दौसा के गोविंद देव जी का मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है और इसके पीछे किवदंती है कि जब वृंदावन से गोविंद देव जी को जयपुर ले जाया जा रहा था, तब उन्होंने एक रात्रि यहां विश्राम किया था जिसके चलते यहां गोविंद देव मंदिर की स्थापना हुई, तब से ही जयपुर गोविंद देव जी के मंदिर के समकक्ष इस मंदिर की मान्यता है और खासकर कृष्ण जन्माष्टमी पर बड़ी तादाद में यहां कृष्ण भक्त यहां पहुंचकर दर्शन करते हैं. nh21 पर स्थित इस मंदिर की प्राचीन मान्यताओं के चलते श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है.

वहीं गोविंद देव जी के मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित गिरिराज धरण मंदिर में भी श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था है. वैसे तो यहां 12 माह और खासकर पूर्णिमा पर कृष्ण भक्तों का हुजूम उमड़ता है, लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी पर यहां भगवान कृष्ण की. राधा गोविंद की और श्रीनाथजी की मनमोहक भव्य झांकियां सजाई जाती है, जिसके चलते कृष्ण भक्तों का उत्साह कई गुना देखने को मिलता है. मंदिर ट्रस्ट के जरिए पदाधिकारी और पुलिस यहां सुरक्षा का और व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालती है.

वहीं गिरिराज धरण मंदिर के सामने स्वामीनारायण का मंदिर स्थित है, जहां भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भव्य आयोजन होता है छप्पन भोग की झांकियां लगाई जाती है और दूरदराज से लोग दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं. सभी मंदिरों में प्रसादी का वितरण भी किया जाता है. सभी मंदिरों में दर्शनों के लिए पट खोल दिए गए हैं और श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं. सायंकाल भजन संध्या का आयोजन होगा तो वही रात 12:00 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के साथ ही दुग्ध अभिषेक होगा और पंचामृत स्नान के बाद आरती का आयोजन होगा.

Reporter: Laxmi Sharma

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