Rajasthan : मीणा हाईकोर्ट की कहानी जिसकी नींव एक लव स्टोरी, मर्डर और सत्ता के टकराव से पड़ी
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Rajasthan : मीणा हाईकोर्ट की कहानी जिसकी नींव एक लव स्टोरी, मर्डर और सत्ता के टकराव से पड़ी

Meena High court Dausa : राजस्थान में दौसा का नांगल प्यारीवास जहां मीणा हाईकोर्ट बना है. जिसकी नींव में एक लव स्टोरी भी है तो क्राइम की दास्तां के साथ समाज की ताकत और एकता का प्रदर्शन भी है. कैसे बना मीणा हाईकोर्ट और इसके बनने की कहानी में बीजेपी नेता किरोड़ीलाल मीणा का क्या रोल है. पूरी स्टोरी

Rajasthan : मीणा हाईकोर्ट की कहानी जिसकी नींव एक लव स्टोरी, मर्डर और सत्ता के टकराव से पड़ी

Meena High court in Dausa Rajasthan : राजस्थान के दौसा जिले की एक जगह है नांगल प्यारीवास. इसकी पहचान मीणा हाईकोर्ट के रुप में है. हाईकोर्ट शब्द सुनते है राजस्थान हो या देश का कोई भी हिस्सा. लोगों के ज़हन में यही आएगा कि ये कोई कोर्ट कचहरी है. ऐसी जगह जहां सुनवाई होती है. सही है यहां सुनवाई होती है लेकिन यहां का संविधान, कानून और फैसले समाज की जाजम पर होते है. यहां वकील और जज काले कोट में नहीं, देसी अंदाज में चिलम फूंकते लोग और परिवार के बुजुर्ग लोग ही यहां फैसले लेते है.

मीणा समाज में इस जगह को बेहद सम्मान की नजर से देखा जाता है. वर्तमान में ये जिस स्वरुप में है. इसके मुख्य द्वार पर बीजेपी नेता और राज्य सभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और उनकी पत्नी गोलमा देवी की फोटो लगी है. मीणा हाईकोर्ट के वर्तमान स्वरुप के विकास का श्रेय किरोड़ीलाल मीणा को ही जाता है. ये जगह कई लोगों के लिए सामाजिक एकता का मंच है. तो कुछ लोगों के लिए अपने अस्तित्व का केंद्र.

कैसे बना मीणा हाईकोर्ट

मीणा हाईकोर्ट बनने के पीछे जो कहानी बताई जाती है वो करीब 30 साल पुरानी है. बात 16 जुलाई 1993 की है. यहां एक विवाहित महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और पति भगवानराम का शव खेत में फेंक दिया. महिला प्रेमदेवी का ससुराल तीतरवाड़ा में था. मामले में 302 के तहत एफआईआर दर्ज तो हुई. लेकिन पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की तो लोगों में आक्रोश पनपा. तीतरवाड़ा में खाप पंचायत आयोजित हुई. महिला ने भगवानराम की हत्या कबूल कर ली.

24 अगस्त 1993 को चूड़ियावास में 11 गांवों की पंचायत हुई. जिसमें महिला अमरी और उसके प्रेमी घासी को सजा सुनाई गई. हत्या का दोषी माना गया और निर्वस्त्र कर गधे पर घुमाने की सजा सुनाई. साथ ही देश निकाला दिया गया. दोनों का मुंह काला किया गया. प्रेमी को गधे पर बिठाया गया और महिला के हाथ गधे की डोर दी गई. जुलुसू चूड़ियावास से नांगल राजावतान लाया गया.

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जब ये जुलूस प्यारीवास में झिलमिल नदी तक पहुंचा तो पुलिस ने कुछ 8 पंचों को गिरफ्तार कर दिया. इससे लोग भड़क गए. पहले कोर्ट में जमानत याचिका लगाई लेकिन जमानत नहीं मिली तो भीड़ ने थाने में आग लगा दी और लोगों को छुड़ा ले गए. बताया जाता है कि कोर्ट ने पंचों को जमानत नहीं दी तो लोगों ने राजस्थान के दौसा जिले की इसी पंचायत को अपना हाईकोर्ट माना. उसी के बाद लोग इसे मीणा हाईकोर्ट कहने लगे.

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दौसा के मीणा हाईकोर्ट में हर साल समाज के लोगों का एक बड़ा कार्यक्रम होता है. इसका नेतृत्व तो राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता किरोड़ीलाल मीणा करते है. लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस या कोई और पार्टी. दलगत राजनीति से हटकर पूरा समाज यहां एकजुट होता है.

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